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अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मैं मरना समझूंगा : शिवराज

भोपाल, 12 दिसंबर (वार्ता) लगभग 17 साल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि अपने लिए कुछ मांगने जाने से बेहतर वे मरना समझेंगे और उन्होंने अपने बारे में कभी कोई फैसला नहीं किया, आगे भी पार्टी ही उनके बारे में फैसला करेगी।

कार्यवाहक मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यहां अपने निवास पर संवाददाताओं से चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में ये बात कही। विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद उनके एक बयान ‘मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा’ के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अपने लिए कुछ मांगने जाने से बेहतर वे मरना समझेंगे। उन्होंने कहा कि ये उनका काम नहीं है और इसलिए उन्होंने ये बयान दिया था।

दरअसल परिणाम आने के बाद जहां एक ओर अन्य वरिष्ठ नेता दिल्ली के प्रवास कर रहे थे, वहीं श्री चौहान मध्यप्रदेश में ही विभिन्न स्थानों के दौरे कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान जोर देते हुए कहा था कि वे दिल्ली नहीं जाएंगे।

श्री चौहान ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान उम्मीद जताई कि डॉ मोहन यादव के नेतृत्व वाली राज्य की नई भारतीय जनता पार्टी सरकार लोककल्याण योजनाओं को लागू करेगी और प्रदेश विकास की ऊंचाइयां छुएगा। उन्होंने कहा कि वे नई सरकार का भी सदैव सहयोग करेंगे।

इसी क्रम में उन्होंने कहा कि उनके मन में संतोष का भाव है कि उन्होंने बीमारू के रूप में मिले राज्य को विकास की राह पर पहुंचाया। इसके साथ ही उन्होंने अपनी मुख्यमंत्री पद की यात्रा का विवरण भी दिया और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का संदर्भ दिया।

श्री चौहान ने कहा कि लाखों कार्यकर्ताओं के श्रम और प्रधानमंत्री श्री मोदी की लोकप्रयिता के साथ ही केंद्र और प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं के कारण इतने भारी बहुमत वाली सरकार बनी। उन्होंने कहा कि पार्टी को अब तक का सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत मिला है और उन्हें इस बात का संतोष है कि वे ऐसी सरकार बना कर जाएंगे।

उन्होंने कहा कि कोविड का समय बहुत कठिन था, पर उस अनुभव ने भी कई कल्याणकारी योजनाएं दीं।

श्री चौहान ने कहा कि पार्टी ने राज्य को अब अच्छा नेतृत्व दिया है, उन्हें सौंप कर वे अब आगे का सफर तय करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने श्री मोदी समेत सभी का आभार जताया।

एक सवाल के जवाब में श्री चौहान ने कहा कि उनके बारे में कोई फैसला वे स्वयं कभी नहीं करते, पार्टी ही सब कुछ तय करती है। आगे भी पार्टी ही तय करेगी।

उन्होंने कहा कि पार्टी में अपनी ही जगह के बारे में सोचते रहने की सोच उन्हें ठीक नहीं लगती। भाजपा ने उन्हें बहुत कुछ दिया है और अब उनकी अपनी पार्टी को कुछ देने की बारी है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि सामाजिक कल्याण की दिशा में भी करने के लिए बहुत कुछ हेाता है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने नए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है वे (श्री चौहान स्वयं) अपनी रोज पेड़ लगाने की आदत काे बनाए रखना चाहते हैं और उसके लिए उन्हें सरकारी जमीन उपलब्ध करा दी जाए।

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