मेनका द्विवेदी संवाददाता

आयकर विभाग ने 31/01/2024 को एक राजनीति से जुड़े व्यक्ति (पीईपी), उसके करीबी सहयोगियों और कुछ सरकारी अधिकारियों के मामले में तलाशी एवं जब्ती अभियान शुरू किया। उक्त पीईपी के करीबी सहयोगियों में से एक रियल एस्टेट के कारोबार में लगा हुआ है। तलाशी अभियान में छत्तीसगढ़ के रायपुर, सरगुजा, सीतापुर और रायगढ़ जिलों में फैले 25 से अधिक परिसरों को कवर किया गया।

तलाशी अभियान के दौरान, कई आपत्तिजनक दस्तावेज, बिखरे कागजात और डिजिटल सबूत पाए गए तथा जब्त कर लिए गए। ये साक्ष्य इन व्यक्तियों द्वारा अपनाई गई कर चोरी और अन्य संदिग्ध कार्यप्रणालियों से जुड़े तौर-तरीकों को उजागर करते हैं। प्रारंभिक विश्लेषण से यह पता चलता है कि इन व्यक्तियों ने सरकार से संबंधित कार्यों में विभिन्न व्यक्तियों को अनुचित लाभ देने के बदले में अवैध धन प्राप्त किया है।

तलाशी के दौरान बरामद किए गए आपत्तिजनक दस्तावेजों में कथित पीईपी द्वारा अपने करीबी सहयोगियों के माध्यम से नकद में प्राप्त लगभग 13 करोड़ रुपये की गलत कमाई का विवरण शामिल है। इसके अलावा, जब्त किए गए सबूतों से पता चलता है कि गलत तरीके से कमाया गया यह पैसा पीईपी के सहयोगियों के माध्यम से रियल एस्टेट में निवेश किया गया है। इसी तरह, रियल एस्टेट कारोबार में पीईपी के सहयोगियों द्वारा अचल संपत्ति की खरीद में लगभग 3 करोड़ रुपये के ऑन-मनी भुगतान और 8 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब नकद व्यय के साक्ष्य भी पाए गए हैं। ऐसे साक्ष्यों की सत्यता को पीईपी के करीबी सहयोगियों और उनके कर्मचारियों के बयानों से भी बल मिला है, जिसमें उन्होंने उपरोक्त कदाचार को स्वीकार किया है।

इसके अलावा, पीईपी के करीबी सहयोगियों द्वारा अवैध रूप से जमीन हड़पने से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज भी पाए गए हैं। जिन किसानों और प्रभावित व्यक्तियों की भूमि इस तरह से हस्तांतरित की गई है, उन्होंने भी अपने बयान में स्वीकार किया है कि उक्त भूमि से संबंधित लेनदेन को पीईपी के अनुचित प्रभाव के तहत पूरा किया गया था। इसी प्रकार, उसके सहयोगियों द्वारा ‘पुनर्वास पट्टा’ की खरीद की अनुमति प्राप्त करने में भी पीईपी के अनुचित प्रभाव का उपयोग किया गया था।

पीईपी के जीवनसाथी, जो ह्यूम पाइप्स की विनिर्माण कंपनी से संलग्न हैं, के स्वामित्व वाले कारखाने के परिसर से बैंक क्रेडिट के टर्नओवर से बेमेल होने की बात का भी पता चला है।

इस तलाशी अभियान के परिणामस्वरूप 2.50 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी और आभूषण जब्त किए गए हैं।

आगे की जांच जारी है।

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