नई दिल्ली
नई दिल्ली और मुंबई और तुर्किये के बीच यात्रा करने वाले 400 यात्री भूखे-प्यासे 24 घंटे इस्तांबुल एयरपोर्ट पर फंसे रहे। उड़ान में देरी होने की वजह से यात्रियों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। वहीं एयरलाइन का कहना था कि परिचालन संबंधी दिक्कत की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। परेशान यात्रियों ने सोशल मीडिया पर बताया कि बिना ठहरने की उचित व्यवस्था और खाना के वे ठंड में एयरपोर्ट पर ही इंतजार करते रहे। एक यात्री ने सोशल मीडिया पर कहा, हमारी इस्तांबुल से दिल्ली के लिए फ्लाइट थी। कम से कम 500 यात्री एयरपोर्ट पर ही फंस गए। उड़ान का समय रात का 8 बजकर 10 मिनट था। लेकिन यह फ्लाइट अगले दिन दोपहर 1 बजकर 30 मिनट के लिए शेड्यूल कर दी गई। क्या यात्रियों के साथ ऐसा ही व्यवहार होना चाहिए?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रोहन राजा नाम के यात्री ने कहा कि दिल्ली के लिए फ्लाइट कैंसल करक दी गई। आने-जाने की सुविधा और ठहरने की सुविधा के बिना यात्रियों को सात डिग्री के तापमान में एयरपोर्ट पर ही ठिठुरना पड़ा। एक अन्य यात्री ने कहा कि इंडिगो की 6E0018 फ्लाइट डिजास्टस साबित हुई। यह फ्लाइट लगभग 20 घंटे लेट हो गई।
यात्रियों ने बताया कि पहले उड़ान को दो घंटे देरी से बताया गया। इसके बाद अचानक इसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद बताया गया कि अब उड़ान 12 घंटे बाद के लिए शेड्यूल कर दी गई है। इसके बाद सारे यात्री फंस गए। कुछ लोग बीमार भी थे। ना तो यात्रियों को भोजन दिया गया और ना ही रुकने की जगह। इंडिगो के किसी कर्मचारी ने यात्रियों से संपर्क भी नहीं किया। ऐसे में लोग ठंड में ही ठिठुरते रहे। एयरलाइन ने कहा कि आवास का प्रबंध किया गया है लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए कोई भी परिवहन नहीं था। सोशळ मीडिया पर लोगों ने बताया कि उनसे वादा किया गया था कि इस्तांबुल एयरपोर्ट पर ही उन्हें लाउंज दिलाया जाएगा। कई लोग घंटों खड़े होकर इंतजार करत रहे। लेकिन कोई सही जानकारी देने को ही तैयार नहीं था।