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भोपाल में कोविड के नए वेरिएंट का सामना करने के लिए परखी गई तैयारी

मेनका द्विवेदी संवाददाता

भोपाल में कोविड-19 का कोई भी नया केस नहीं मिला है। विभाग द्वारा लोक स्वास्थ्य की आपात स्थिति से निपटने के लिए समय समय पर तैयारियों का सतत मूल्यांकन किया जा रहा है। जिसके तहत स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी को सुनिश्चित करने के लिए सतत रूप से निगरानी की जा रही है । उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के पॉजिटिव तथा एक्टिव मरीजों की संख्या में पुनः वृद्धि परिलक्षित हो रही है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दिसंबर 2023 से चीन, अमेरिका तथा सिंगापुर में कोविड के नए वेरिएंट के केसेस में बढ़ोतरी हो रही है। इसे देखते हुए निगरानी एवं नियंत्रण के लिए टेस्ट, ट्रैक एवं ट्रीटमेंट कार्ययोजना के अनुरूप कार्यवाही किए जाने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देशित किया गया है। इस संबंध में विगत दिनों शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों में मॉकड्रिल भी आयोजित जा चुकी है। जिसमें एंबुलेंस, मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति, ऑक्सीजन प्लांट की कार्यक्षमता, अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, आइसोलेशन वार्ड की उपलब्धता, मानव संसाधन क्षमता, कोविड परीक्षण की क्षमता, टैली मेडिसिन सेवाओं की उपलब्धता, लॉजिस्टिक की उपलब्धता के लिए मूल्यांकन किया जा चुका है।

वर्तमान में भोपाल जिले में 15 हजार से अधिक हॉस्पिटल बेड उपलब्ध है। अस्पतालों में साढ़े तीन हजार से ज्यादा ऑक्सीजन सपोर्ट बिस्तर उपलब्ध हैं। इसके साथ ही दो हजार से अधिक आई सी यू बेड, 750 वेंटीलेटर बेड क्रियाशील हैं। जिले में 4 हजार से अधिक चिकित्सक, साढ़े छः हजार से ज़्यादा नर्सिंग ऑफिसर, 2 हज़ार पैरामेडिकल कर्मचारी, 150 एंबुलेंस उपलब्ध है। 21 हजार लीटर से अधिक क्षमता के 30 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील है। एक हजार से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एवं 5 हजार से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भोपाल जिले में है। सभी आवश्यक दवाइयां, मास्क,पीपीई किट भी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ.प्रभाकर तिवारी ने बताया कि कोविड-19 के लक्षणों के आधार पर जांच सहित सभी निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप कार्य करने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देशित किया जा चुका है । भोपाल जिले में कोविड-19 संक्रमण का कोई भी केस नहीं मिला है। कोविड से डरने की कोई भी आवश्यकता नहीं है किंतु सतर्कता आवश्यक है। सभी बड़े शासकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज की पर्याप्त क्षमता है।

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