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उत्‍तरकाशी आपदा: हर्षिल घाटी में गंगा का गुमसुम प्रवाह, ‘राम तेरी गंगा मैली’ की यादें ताज़ा

उत्तरकाशी
ऐसे कई स्थान हैं, जो किसी फिल्म से जुड़कर देश-दुनिया में चर्चित हो गए। बालीवुड के अमर शिल्पी और जानेमाने फिल्मकार राज कपूर की फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ (1985) ने एक समय उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल हर्षिल को भी जबरदस्त सुर्खियों में ला दिया था। बर्फ से ढकी चोटियां, भागीरथी नदी के किनारे फिल्म की नायिका मंदाकिनी की निर्दोष मुस्कान, सेब के बागानों की छांव में राज कपूर का कैमरा, चिट्ठियों के इंतजार में डाकघर पर टिकीं नायिका की निगाहें…, फिल्म के इन तमाम दृश्यों ने पूरे देश में हर्षिल को तब चर्चा में ला दिया था।

फिल्म में अभिनेत्री मंदाकिनी ने गंगा का किरदार और अभिनेता राजीव कपूर ने नरेन की भूमिका निभाई है। इस फिल्म ने गढ़वाल की जीवन शैली, पारंपरिक पोशाक, आभूषण आदि को भी जीवंत कर दिया था। उस दौर में हर्षिल घाटी प्रेम, पवित्रता, सादगी और सिनेमाई सौंदर्य का प्रतीक बन गई थी। धराली की आपदा ने हर्षिल की इन्हीं खूबसूरत वादियों में वीरानगी फैला दी है। आज हर्षिल में राहत दलों की आवाजाही और हेलिकाप्टरों की गड़गड़ाहट गूंज रही है। सेब की बगीचों की रंगत मलबे के नीचे दब चुकी है। धराली में खीरगंगा और हर्षिल में तेलगंगा के तांडव ने यहां की सुंदर और शांत वादियों को झकझोर दिया है।

फिल्म राम तेरी गंगा मैली का सुपरहिट गाना ‘हुस्न पहाड़ों का…’ तब खूब चर्चित हुआ था। कभी यह गीत यहां शादी-ब्याह और अन्य समारोहों में खूब गूंजता था। इसी गीत के माध्यम से देश भर के दर्शकों ने हर्षिल की सुरम्य वादियों को पहली बार परदे पर देखा था। धराली से एक किलोमीटर आगे गंगोत्री की ओर प्रसिद्ध मंदाकिनी झरने के नीचे नायिका पर सफेद साड़ी में यह गीत फिल्माया गया था। इस झरने में ऐसे तो कोई उफान नहीं आया है, लेकिन आज वहां आसपास सैलाब की सिसकियां सुनाई देती हैं। हर तरफ मलबे में दबी खामोशी है। चार दिन पहले धराली में खीरगंगा और हर्षिल में तेलगंगा के उफान ने जो तबाही मचाई, उसने हर्षिल में बहुत कुछ बदल डाला है। सेब के बगीचों के बीच बसा धराली कस्बा तो नक्शे से लगभग गायब हो गया।

सुरक्षित है हर्षिल गांव और बाजार
पिछले दिनों की आपदा ने ऐसे तो हर्षिल को बुरी तरह झकझोर दिया है, लेकिन राम तेरी गंगा मैली में फिल्माए गए यहां के स्थल अब भी सुरक्षित हैं। प्रसिद्ध डाकघर, जहां फिल्म की नायिका गंगा (मंदाकिनी) नरेन के लिए चिट्ठी भेजती है और उसकी चिट्ठी का इंतजार करती थी, आपदा में सुरक्षित है। हर्षिल गांव और उसका मुख्य बाजार भी पूरी तरह सुरक्षित हैं। आपदा के दिन हर्षिल हेलीपैड के पास झील बनने के कारण उत्पन्न खतरे पर अब एक हद तक नियंत्रण पाया जा चुका है। झील का जलस्तर घट रहा है और इस स्थान पर भागीरथी नदी का प्रवाह सामान्य होने की दिशा में है।

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