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एफपीओ किसानों से फसल खरीदने तक ही सीमित न रहें, उत्पाद की प्रोसेसिंग कर लाभ भी अर्जित करें : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव “एफ.पी.ओ. डायरेक्टर समिट-2025” में हुए शामिल

भोपाल 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाकर स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए संकल्पित है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत@2047 के संकल्प में मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसी लक्ष्य की पूर्ति और प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार ने सभी क्षेत्रों में कार्य प्रारंभ किए हैं। प्रदेश के औद्योगिकीकरण में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़कर लगभग 55 लाख हेक्टेयर हो गया है। किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से सिंचाई के लिए 32 लाख सोलर पंप बांटने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। प्रदेश में खेती का दायरा लगातार बढ़ रहा है। राज्य की कृषि उत्पादकता अच्छी है और अब हम फूड प्रोसेसिंग में अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) केवल किसानों से फसल खरीदने तक सीमित न रहें, बल्कि अनाज और अन्य उत्पादों की प्रोसेसिंग कर उसे बाजार में बेचें, जिससे एफपीओ से जुड़े किसान सदस्यों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्था में ‘समृद्ध एफपीओ-आत्मनिर्भर किसान-विकसित भारत’ संकल्प के अंतर्गत एफपीओ फेडरेशन मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित “एफ.पी.ओ. डायरेक्टर समिट-2025” को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में रतलाम जिले से आई स्व-सहायता समूह की बहनों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की कलाई पर बांस से बनी राखियां बांधीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में आए किसानों को स्वतंत्रता दिवस, जन्माष्टमी और श्री बलराम जयंती की शुभकामनाएं दीं।

फूड प्रोसेसिंग को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 95 प्रतिशत करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फूड प्रोसेसिंग को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 95 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ किसानों को फूड प्रोसेसिंग से जोड़ा जा रहा है। मालवा अंचल में आलू चिप्स निर्माण के लिए बड़ा उद्योग स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश के औद्योगिकरण में एफपीओ की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। एफपीओ केवल फूड प्रोसेसिंग ही न करें, बल्कि वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक्स में भी योगदान दें। एफपीओ के माध्यम से किसान अपने उत्पादों का दायरा बढ़ाएं। सरकार सभी प्रकार के उद्योगों को बिजली, पानी और जमीन देकर हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है। रोजगार आधारित उद्योग लगाने पर सरकार द्वारा उद्योगों में नियोजित महिला कर्मचारी को उनके मासिक वेतन में 6000 रुपए और पुरूष कर्मचारी को पांच हजार रूपए अनुदान, 10 वर्ष तक दिया जाएगा।

विश्व में मध्यप्रदेश के जैविक कपास की विशेष मांग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज उत्पादन बढ़ाने के लिए फसलों में रासायनिक दवाओं के उपयोग की चुनौतियां आ रही हैं। प्रदेश में पारंपरिक खेती का दायरा कम हुआ है। पहले जहां चावल उत्पादन नहीं होता था, वहां अब चावल की खेती बढ़ रही है। इसी प्रकार कपास का रकबा कम हो रहा है। पहले मालवा और निमाड़ अंचल का कपास उत्पादन में विशेष स्थान था। मध्यप्रदेश में उच्च गुणवत्ता का जैविक कपास होता है। दुनिया में धागा और कपड़ा बनाने के लिए चीन के कपास को पसंद नहीं किया जाता, मध्यप्रदेश के कपास की विशेष मांग है। चीन और वियतनाम अपने कपास को मध्यप्रदेश के कपास के नाम से बेच रहे हैं।

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार किसान संगठनों का सहयोग लेगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गतिविधियों के संचालन में राज्य सरकार, भारतीय किसान संघ और मालवम फेडरेशन जैसे संगठनों की सहायता लेगी। राज्य सरकार ने किसानों को गेहूं का प्रति क्विंटल दाम 2600 रुपए कर दिया है। तुअर दाल पर टैक्स हटाया है। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मोटा अनाज (कोदो-कुटकी) खरीदने की भी व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दूध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। राज्य सरकार ने पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना शुरू की है। पात्र हितग्राहियों को सब्सिडी पर गाय-भैंस जैसे दुधारू पशु उपलब्ध कराए जा रहे हैं। फूड प्रोसेसिंग के साथ प्रदेश में मिल्क प्रोसेसिंग और मिल्क प्रोडक्ट के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है – मंत्री श्री कंषाना
कृषि मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने कहा कि मध्य प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है। जब प्रदेश का किसान समृद्ध होगा, तो देश समृद्ध होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में किसानों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध है, लेकिन डीएपी की थोड़ी कमी है, जिसकी व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में 14 लाख मैट्रिक टन यूरिया और 12 लाख मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। सरकार 10 लाख मैट्रिक टन यूरिया किसानों को बांट चुकी है। किसानों पर भगवान श्रीराम की कृपा है। प्रदेश में पर्याप्त वर्षा हो रही है। बाढ़-बारिश से हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करेगी।

 

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