विदेश

भोपाल गैस त�रासदी के 40 साल पूरे होने पर अमेरिकी संसद में �क प�रस�ताव पारित किया गया, म�आवजा देने की मांग

वाशिंगटन
आज से 40 साल पहले 1984 में 2 और 3 दिसंबर की रात न केवल भोपाल बल�कि देश के इतिहास की सबसे भयावह रात है। इसी रात को भोपाल में गैस त�रासदी ह�ई थी। 2 दिसंबर की रात भोपाल स�थित यूनियन कार�बाइड पेस�टिसाइड प�लांट से जहरीली गैस मिथाइल आइसो साइनाइट का रिसाव श�रू ह�आ। देखते ही देखते त�रासदी में 3787 लोगों की जान चली गई। मगर यह सरकारी आंकड़ा था। स�प�रीम कोर�ट में पेश रिपोर�ट के म�ताबिक भोपाल त�रासदी में 15,724 से ज�यादा लोगों की जान गई है।

राष�ट�रीय रासायनिक आपदा जागरूकता दिवस मनाने का प�रस�ताव
भोपाल गैस त�रासदी के 40 साल पूरे होने पर अमेरिकी संसद में �क प�रस�ताव पारित किया गया है। इसके तहत 3 दिसंबर को अमेरिका में राष�ट�रीय रासायनिक आपदा जागरूकता दिवस के रूप में घोषित करने का प�रस�ताव है। इस प�रस�ताव को मर�कले, रॉन वाइडन और पीटर वेल�च ने पेश किया। अब इसे न�यायपालिका संबंधी समिति को भेजा गया है। प�रस�ताव में डॉव इंक और यूनियन कार�बाइड को जिम�मेदार माना गया है। पीड़ितों को म�आवजा देने की मांग भी की गई है।

प�रस�ताव में क�या है
प�रस�ताव में कहा गया कि भारत के भोपाल शहर में 3 दिसंबर 1984 को यूनियन कार�बाइड की �क कीटनाशक फैक�ट�री से जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव ह�आ थाी। इस हादसे के 72 घंटों के भीतर ही 8,000 लोगों की जान चली गई थी और 500,000 से अधिक लोग घायल ह�� थे। यह द�निया की सबसे बड़ी औद�योगिक आपदा थी।

त�रासदी का लोगों पर पीढ़ीगत प�रभाव
प�रस�ताव में यह भी कहा गया है कि भोपाल जैसी त�रासदी का आर�थिक और पीढ़ीगत ब�रा प�रभाव पड़ा है। भोपाल में हादसे से बचे लोगों की मृत�य� दर काफी अधिक है। वहीं 150,000 से अधिक बचे लोग दीर�घकालिक बीमारियों से जू� रहे हैं। लगभग 500,000 लोग शारीरिक और आर�थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

बचे पीड़ितों को कैंसर का खतरा अधिक
प�रस�ताव में सैन डि�गो विश�वविद�यालय के �क अध�ययन का भी जिक�र है। इसमें कहा गया है कि जो व�यक�ति आपदा के समय भोपाल में थे। उनमें कैंसर और विकलांगता की दर अधिक है। इसका असर रोजगार और शिक�षा के स�तर पर भी पड़ा है।

�ंडरसन के प�रत�यर�पण की उठी मांग
प�रस�ताव में कहा गया है कि भारत सरकार ने यूनियन कार�बाइड और उसके पूर�व म�ख�य कार�यकारी अधिकारी वॉरेन �ंडरसन पर गैर-इरादतन हत�या का आरोप लगाया है। यह अमेरिका के कानून के तहत यह हत�या के बराबर है। �से में �ंडरसन का कृत�य �क प�रत�यर�पणीय अपराध है। इसमें यह भी कहा गया है कि यह स�निश�चित करना अहम है कि द�निया में किसी भी सम�दाय को दोबारा भोपाल जैसे हादसे का सामना नहीं करना पड़े।

कंपनी ने भारतीय अदालतों के समन को किया अनदेखा
यूनियन कार�बाइड को खरीदने वाली कंपनी डॉव इंक के खिलाफ भारत सरकार के अन�रोध पर समय पर कदम उठाने की मांग भी की गई है। प�रस�ताव में कहा गया है कि यूनियन कार�बाइड और उसके प�रतिनिधियों ने भारत में अदालत में उपस�थित होने के समनों की अनदेखी की है। भारत और अमेरिका के बीच 1942 में दो प�रत�यर�पण संधियां ह�ईं। इसके तहत भारत ने आवेदन भी कि�। मगर कंपनी के प�रतिनिधियों की उपस�थिति स�निश�चित नहीं हो सकी।

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