मेनका द्विवेदी संवाददाता

केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और डॉ. भारती प्रवीण पवार ने आज यहां ‘डूबने की घटनाओं की रोकथाम के लिए रणनीतिक ढांचे’ का अनावरण किया।

उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि डूबने की घटनाओं को रोका जा सकता है और हमें इन घटनाओं को कम करने और सभी के लिए जल सुरक्षा की दिशा में निवारक उपायों को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जागरूकता अभियान चलाने की तात्कालिकता पर प्रकाश डालते हुए प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि देश में डूबने के 38,000 मामले सामने आए, यह एक बड़ी संख्या है और ऐसे मामलों को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए उपयुक्त सलाह भी बहुत महत्वपूर्ण है। मैं राज्यों से विशेष रूप से उत्सवों के दौरान उच्च स्तर की सावधानी और सतर्कता बरतने का आग्रह करता हूं। उन्होंने विशेष रूप से उत्सव और कुछ अनुष्ठानों के समय अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी, जहां डूबने की अधिक घटनाएं होती हैं।

राष्ट्रीय रणनीतिक फ्रेमवर्क दस्तावेज़ में शामिल रणनीतियों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए  डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि बहु-क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, रणनीतिक संचार के माध्यम से डूबने के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर डूबने की घटनाओं की रोकथाम की कार्य योजना बनाना और प्रासंगिक रूप से सूचित करने के लिए साक्ष्य उत्पन्न करने पर शोध करना, डूबने की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रासंगिक कार्रवाई, जल निकायों के आसपास एक सुरक्षित वातावरण निर्माण और अनगिनत जिंदगियों के बचाव के लिए क्रिटिकल एक्शन स्तम्भ बनाना महत्वपूर्ण है

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि जल सुरक्षा उपायों के बारे में ज्ञान और जागरूकता की कमी के कारण डूबने की अनेक घटनाएं होती हैं, डॉ. पवार ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में डूबने की घटनाओं की रोकथाम के लिए एक व्यापक और रणनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है जिसमें जागरूकता, शिक्षा, डेटा-संचालित उपाय, बुनियादी ढांचे का विकास, सहयोग और मजबूत आपातकाल प्रतिक्रिया शामिल है।

डॉ. पवार ने कहा कि उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उचित उपायों लागू करने के लिए स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर एक मजबूत रिपोर्टिंग प्रणाली स्थापित करने के अलावा सुरक्षित मनोरंजक स्थानों के विकास और जल निकायों के आसपास सुरक्षा बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में निवेश करने से डूबने की घटनाओं को रोकने में काफी मदद मिलेगी।

सम्मेलन में स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. मनस्वी कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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