मानस टुडे न्यूज नेटवर्क बड़वानी
इम्तियाज खान intu
सबसे पहले हमें समझना होगा की तनाव क्या है, और तनाव क्यों आता है। इसका सीधा सा अर्थ शारीरिक, मानसिक,और आर्थिक, जरूरत को नहीं समझना है। ईश्वरीय नियमों को नहीं समझने से भी जीवन में तनाव आता है। इसका सबसे बुरा असर पेट पर पड़ता है, जिससे जीवन में कई समस्याएं आने लगती है। ये बातें गुरु कृष्ण कांत सोनी ने तिरुपति हाइटेक सिटी पानसेमल में विद्यार्थियों से नि:शुल्क योग शिविर में कही।
योग गुरु ने कहा कि भूख लगे तो भोजन करो, प्यास लगे तो पानी पीयो, लेकिन वह दूसरों को खुश करने के लिए भोजन करता है। उसका शरीर शक्तिशाली बना रहे। इसके लिए वह मौसम एवं समयानुसार भोजन करे। मानसिक शक्ति हमेशा बनी रहे। इसके लिए ईश्वरी नियमों का पालन करना होगा। आर्थिक संतुलन बना रहे। इसके लिए उसे कर्ज, नशा, फैशन आदि के चंगुल से बचना होगा। अधिक तरह के तनाव पालने से व्यक्ति की उम्र घटने लगती है। उसे शारीरिक कमजोरी आने लगती है। उसके चेहरे की सुंदरता भी धीरे-धीरे कम होने लगती है। उसे असमय मोटापा, मधुमेह, कब्ज, बीपी आदि के रोग होने लगते हैं। फिर व्यक्ति योग प्राणायाम का अ यास करें तो उसके विचार सकारात्मक बनने लगते है। शरीर मजबूत एवं आर्थिक स्थिति सदाबहार रहती है। योग गुरु ने आसन, थपकी क्रिया आसन आदि का प्रशिक्षण छात्रों को दिया।