दो-अधिकारियों-को-कारण-बताओ-नोटिस-और-3-फर्म-ब्लैक-लिस्टेड

भोपाल
लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये निर्माण कार्यों के औचक निरीक्षण की नवीन पहल प्रारंभ की गई हैं। इसमें हर माह की 5 और 20 तारीख़ को सॉफ्टवेयर के माध्यम से रैंडम तरीके से चयनित दलों, जिलों, निर्माण कार्यों और सामग्री के सैंपल लेने के स्थानों का औचक निरीक्षण किया जाएगा।

गत दिवस लोक निर्माण विभाग के सातों परिक्षेत्रों के मुख्य अभियंताओं के सात दलों द्वारा सात जिलों में निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण के दौरान कुल 34 कार्यों को रैंडम आधार पर चयनित किया गया, जिनमें 14 कार्य पी.डब्ल्यू.डी. सड़क/ पुल, 10 कार्य पी.आई.यू., 8 कार्य म.प्र. सड़क विकास निगम तथा 2 कार्य म.प्र. भवन विकास निगम के अंतर्गत आए। निरीक्षण दलों से प्राप्त प्रतिवेदन की समीक्षा गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। इस बैठक में के.पी.एस. राणा, प्रमुख अभियंता (बी.एंड आर), प्रमुख अभियंता (भवन विकास निगम), उपसचिव लोक निर्माण विभाग, समस्त मुख्य अभियंता एवं निरीक्षणकर्ता अधिकारी उपस्थित रहे।

राजगढ़ जिले के छापीखेड़ा-नलखेड़ा मार्ग में सबग्रेड कार्य में बड़े पत्थरों के उपयोग की गड़बड़ी पाए जाने पर कंसलटेंसी एवं एजीएम आरडीसी अभिषेक गोकरू को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया तथा ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किये जाने के निर्देश दिए गए।

नरसिंहपुर जिले में करेली-सिंहपुर-डांगीढाना मार्ग में सीमेंट कांक्रीट में ज्वाइंट निर्माण में लापरवाही के कारण ओपन हो जाने की शिकायत मिली। इस पर ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किये जाने के लिये मुख्य अभियंता को निर्देशित किया गया।

बुरहानपुर जिले में धूलकोट शिवबाबा इटारिया एवं नरसिंहगढ़ शहरी क्षेत्र में कांक्रीट कार्य की धीमी गति को लेकर भी ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किये जाने के निर्देश दिए गए।

गुणवत्ता को लेकर कुछ निर्माण कार्यों की सराहना भी की गई। इनमें नरसिंहपुर जिले के चीचली में उप तहसील कार्यालय भवन का निर्माण और बुरहानपुर जिले में कुटुंब न्यायालय भवन का निर्माण गुणवत्ता पूर्ण पाए जाने पर उपयंत्री, अनुविभागीय अधिकारी, कार्यपालन यंत्री एवं संबंधित ठेकेदार की प्रशंसा की गई।

निरीक्षणकर्ता अधिकारियों ने यह भी बताया कि कई स्थानों पर जल जीवन मिशन के तहत डाली जा रही लाइनों के कारण सड़कों की खुदाई की जा रही है, लेकिन मापदंडों के अनुसार मरम्मत कार्य नहीं होने से सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी हुई है। इस संबंध में संबंधित ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई के लियेविभाग को पत्र लिखे जाने के निर्देश दिए गए हैं।।

 

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