नियोम प्रोजेक्ट को झटका: 20% कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी, ड्रीम सिटी पर संकट

रियाद
सऊदी अरब के ड्रीम प्रोजेक्ट नियोम सिटी संकट में फंसता दिख रहा है। सेमाफोर ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में बताया है कि निओम 1,000 कर्मचारियों की छंटनी करने पर विचार कर रहा है। यह इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे कुल कर्मचारियों का 20 प्रतिशत है। इससे पता चलता है कि सऊदी अरब सरकार अपनी अपनी प्रमुख गीगा प्रोजेक्ट को छोटा कर रहा है।
सेमाफोर ने बताया है कि निओम एक व्यापक बदलाव के तहत छंटनी पर विचार कर रहा है। इसके तहत 1,000 से ज्यादा कर्मचारी उत्तर-पश्चिमी लाल सागर तट पर स्थित नियोम की साइट को छोड़कर रियाद ट्रांसफर हो सकते है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यह योजनाएं अभी अंतिम रूप नहीं ले पाई हैं। इनमें और बदलाव हो सकते हैं।
नियोम सऊदी सरकार की योजना
सेमाफोर की यह रिपोर्ट उन लेखों की श्रृंखला में सबसे नई है। इससे पता चलता है कि सऊदी अरब सरकार नियोम के मामले में अपनी महत्वाकांक्षाओं पर अंकुश लगा रही है। नियोम का उद्देश्य सऊदी अरब के लाल सागर तट को लग्जरी होटलों, स्की रिसॉर्ट, द लाइन नाम का 170 किलोमीटर लंबा शहर और एक औद्योगिक पार्क बनना है।
निओम ग्रीक शब्द नियोस (नया) और अरबी शब्द मुस्तकबाल (भविष्य) के मिश्रण से बना है। ऐसे में नियोम का अर्थ नया भविष्य है। यह मोहम्मद बिन सलमान के प्रोजेक्ट 2030 का हिस्सा है। नियोम शहर 2,63,000 हेक्टेयर में फैला होगा। इसके जरिए मोहम्मद बिन सलमान का मकसद सऊदी की अर्थव्यवस्था की तेल से निर्भरता कम करनी है।
प्रोजेक्ट पर संदेह!
सेमाफोर से पहले ब्लूमबर्ग ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि सऊदी अरब ने कई कंस्लटिंग फर्म से ‘द लाइन’ की व्यवहार्यता की समीक्षा करने के लिए कहा है। द फाइनेंशियल टाइम्स ने इस साल की शुरुआत में दावा किया था कि सऊदी अरब ने नियोम की व्यापक समीक्षा शुरू की है क्योंकि इस पर कई सवाल हैं।
नियोम की व्यावहारिकता लंबे समय से बहस का विषय रही है। खासतौर उन निवेशकों के बीच संदेह है, जिन्हें लगता है कि सऊदी अरब शायद ही इस भविष्यवादी दूरस्थ शहर में लोगों को रहने के लिए आकर्षित कर पाएगा। सऊदी अरब का 1 ट्रिलियन डॉलर का सार्वजनिक निवेश कोष (पीआईएफ) से फिलहाल नियोम की फंडिंग हो रही है। हालांकि विदेशी निवेशकों की सीमित रुचि के कारण इस परियोजना को असफलताओं का सामना करना पड़ा है।