राजनीति

‘पहले मदरसों को बंद करें’: नितेश राणे ने राज ठाकरे को दी खुली चुनौती

मुंबई 
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने ‘हिंदी’ विवाद पर मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) प्रमुख राज ठाकरे को फिर चुनौती दी है। मनसे प्रमुख ने कथित तौर पर एक बयान में कहा कि अगर सरकार फिर हिंदी को स्कूलों में अनिवार्य करेगी तो हम स्कूल बंद कराएंगे। इस पर पलटवार करते हुए नितेश राणे ने कहा कि स्कूल बंद करने की बजाय वो मदरसों को बंद कराएं। मंत्री नितेश राणे ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं राज ठाकरे से कहूंगा कि स्कूल बंद कराने की बजाय उन्हें मदरसे बंद कराने चाहिए, क्योंकि मदरसों में असली शिक्षा नहीं होती। वहां मराठी नहीं पढ़ाई जाती, उसकी जगह उर्दू पर जोर दिया जाता है। मदरसों में असल में यही सिखाया जाता है कि आतंकवादी कैसे बनें?”

उदाहरण देते हुए नितेश राणे ने कहा, “कुछ महीने पहले बुलढाणा के एक मदरसे में यमन के नागरिक मिले थे। कई मदरसों में तलवारें और जिलेटिन मिलीं। इसलिए उन्हें (राज ठाकरे) हिंदुओं के स्कूल बंद करने के बजाय जिहादियों के मदरसों को बंद करना चाहिए।” उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए आगे कहा, “मदरसों में कोई भी मराठी नहीं सिखाता है। वहां यह पढ़ाया जाता है कि हिंदुओं को कैसे खत्म करना है।”

इस दौरान नितेश राणे ने राज ठाकरे की ‘कान के नीचे मारो’ टिप्पणी पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, “कान के नीचे बजाने की आवाज नयानगर से आनी चाहिए, क्योंकि नयानगर में कोई मराठी नहीं बोलता है। वहां बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान मानने वाले लोग भी नहीं हैं। वहां शरिया कानून लागू होता है। कोरोना के समय वहां कोई मास्क नहीं पहनता था। किसी ने वैक्सीन नहीं ली। नयानगर लव जिहाद और लैंड जिहाद का अड्डा है।”

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए नितेश राणे ने यह भी कहा कि भारत को इस्लाम राष्ट्र बनाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने सभी हिंदुओं से एक साथ आने की अपील की। साथ ही नितेश राणे ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा दोहराया। उन्होंने कहा, “अगर मुंबई का महापौर कल कोई अब्दुल या शेख बनता है तो यहां के हिंदू सुरक्षित होंगे क्या? इस बारे में हमें सोचना चाहिए।” उन्होंने राज ठाकरे के कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी और कहा कि राज्य में हमारी सरकार है। कानून व्यवस्था पूरी तरह कंट्रोल में है। कोई भी किसी को मारेगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस्लामपुर का नाम बदलने के फैसले पर भी नितेश राणे ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, “सांगली के इस्लामपुर का नाम ईश्वरपुर करने का फैसला हुआ है। मेरा मानना है कि इस्लामिक कोई भी नाम महाराष्ट्र में नहीं रहना चाहिए।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button