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मध्यप्रदेश

प्राकृतिक रूप से विटामिन D2 और D3 बढ़ाने के लिए खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट्स

विटामिन डी2 और डी3 लेने का तरीका विटामिन-डी2 ड्रॉप्स और फलों में पाया जाता है। इसके लिए ब्रोकली, बादाम, दूध, अण्डा, मशरूम का उपयोग किया जाता है। विटामिन-डी3 दवा के रूप में लिया जा सकता है। इसमें इंजेक्शन, जेल, जेल, टैबलेट, तेल, चॉकलेट, पाउडर, इंजेक्शन शामिल है।

1 सप्ताह में इतना विटामिन डी सप्लीमेंट एक वयस्क को 60000 IU विटामिन-डी की मात्रा हर सप्ताह लेनी चाहिए। इसकी लागत 8 से 2 महीने तक है। इसके बाद हर महीने 60000 IU दिया जाता है। विटामिन-डी सप्लीमेंट के साथ कुछ सैशे या खुराक में कैल्शियम साइट्रेट भी होता है। लेकिन आमतौर पर हमारे शरीर में कैल्शियम कम नहीं होता, विटामिन-डी ही कम होता है।

हर 6 महीने में करवाएं टेस्ट हर 6 महीने में विटामिन-डी का टेस्ट कराना चाहिए। खून में इसकी प्रचुरता 30 ग्राम से ऊपर और 100 से कम होनी चाहिए। 18 साल तक के बच्चों को रोजाना 800 से 1000 IU विटामिन-डी की जरूरत होती है।

इसकी कमी से होती है परेशानी यह तो नहीं कहा जा सकता कि ज्यादातर विटामिन की कमी से होती है, लेकिन ऐसा अक्सर देखा जाता है कि ज्यादातर विटामिन-डी की कमी भी होती है। इसलिए शरीर में विटामिन की कमी नहीं होती। इसके उपयोग की वजह से कई लोग इसे डॉक्टर विटामिन भी कहते हैं।

विटामिन-डी से धूप के सेवन से शरीर में जहां विटामिन-डी की प्रचुरता होती है, वहीं शरीर पर मौजूद बैक्टीरिया और वायरस का भी सफाया होता है। विटामिन-डी शरीर की इम्यूनिटी रिक्वेस्ट है

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