बाबा महाकाल की नगरी से अयोध्या भेजे जाएंगे 5 लाख लड्डू : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मेनका द्विवेदी संवाददाता

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज स्थानीय सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में योग दिवस के अवसर पर टीवी चैनल प्रतिनिधियों से बातचीत में कहा कि अयोध्या में भगवान राम मंदिर के गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा का अवसर गर्व का विषय है। मध्यप्रदेश इस क्षण को कैसे भूल सकता है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से 5 लाख लड्डू अयोध्या भेजे जाएंगे। नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया गया है कि 22 जनवरी के पश्चात अयोध्या जाएं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी ऐसा आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी का जीवन आदर्श था। उन्होंने भारत की विशेषताओं को संसार के समक्ष प्रस्तुत किया। आज योग दिवस पर विद्यार्थियों के साथ जन प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी की है।

मध्यप्रदेश के नागरिक बधाई के पात्र

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में समस्त प्रदेशवासी इंदौर के सातवीं बार देश का स्वच्छतम नगर चुने जाने की उपलब्धि के लिए बधाई के पात्र हैं। इंदौर के महापौर, संबंधित विभाग, नागरिकगण और सभी जनप्रतिनिधियों को शुभकामनाएं देते हुए डॉ. यादव ने कहा माता अहिल्या की नगरी की यह उपलब्धि स्वच्छता का ताज है। एक बार ताज धारण करना सरल है लेकिन लगातार ऊंचाई पर बने रहना कठिन होता है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने वर्ष 2016 से संचालित स्वच्छता अभियान से पूरे विश्व में भारत का मान सम्मान बढ़ाने का कार्य किया है। मध्यप्रदेश इस अभियान में अच्छी रैंकिंग लाता है। देश में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर रहा है। मध्यप्रदेश के भोपाल, महू और अन्य नगर भी विभिन्न श्रेणियों में स्वच्छता के लिए पुरस्कृत हुए हैं।

मकर संक्रांति पर्व

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 10 से 15 जनवरी तक मकर संक्रांति पर्व घोषित किया गया है। इस क्रम में महिला सशक्तिकरण गतिविधियों के साथ विभिन्न कार्यक्रम होंगे। इसी तरह 13 जनवरी को शहडोल में जनजाति वर्ग के भाई-बहनों के साथ कार्यक्रम और 14 एवं 15 जनवरी को विभिन्न भारतीय खेलों और पतंग बाजी के कार्यक्रम प्रदेश में होंगे। माता और बहनों के लिए यह पर्व उत्साह और उमंग का अवसर होता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मकर संक्रांति पर उत्तरायण का प्रारंभ होता है। सूर्य देव दिशा बदलते हैं उज्जैन के निकट डोंगला वेधशाला में सूर्य देव को कक्षा बदलते देखा जा सकता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से ज्ञान और विज्ञान आधारित ऐसी गतिविधियों से आमजन को जोड़ने के प्रयास हो रहे हैं।

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