“वैश्य समाज का रक्तदान में भी नया कीर्तिमान : भोपाल में IVF की बैठक में लिया गया संकल्प”

देश को 75% राजस्व देने वाला समाज अब रक्तदान, पर्यावरण और रोजगार के क्षेत्र में भी आगे
भोपाल। देश में आर्थिक मजबूती और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक बन चुके वैश्य समाज ने अब मानवीय सेवा के क्षेत्र में भी एक नई पहल की है। भोपाल स्थित एक होटल में आयोजित इंटरनेशनल वैश्य फेडरेशन (IVF) की प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिलाध्यक्षों की बैठक में समाज ने देशभर में सबसे अधिक रक्तदान का संकल्प लेकर एक नया इतिहास रचने की दिशा में कदम बढ़ाया।
इस महत्वपूर्ण बैठक के मुख्य अतिथि और IVF के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अशोक अग्रवाल ने कहा कि “देश को 75% से अधिक राजस्व देने वाला वैश्य समाज अब रक्तदान जैसे सेवाभावी कार्यों में भी अग्रणी भूमिका निभाने जा रहा है।” उन्होंने कहा कि भारत के सभी राज्यों के साथ-साथ दुबई, हांगकांग, थाईलैंड सहित विदेशों में भी IVF सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है और आज वैश्य समाज की पहचान एक संगठित, प्रभावशाली और सेवाभावी समाज के रूप में उभर रही है।
डॉ. अग्रवाल ने संगठन को जिला और तहसील स्तर तक विस्तार देने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि “जितनी अधिक संख्या, उतना मजबूत संगठन – यही लोकतंत्र की शक्ति है।” उन्होंने बताया कि संगठन द्वारा एक विशेष वैश्य व्यापारिक ऐप विकसित किया गया है, जिसमें समाज के व्यापारी और युवा जुड़कर व्यापार, उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में एक-दूसरे को सहयोग कर सकते हैं।
संगठन विस्तार और समाज सेवा की योजना
प्रदेश अध्यक्ष गोविंद गोयल ने बताया कि वैश्य समाज के संस्थापक स्व. रामदास जी अग्रवाल (पूर्व सांसद) और स्व. रमेश अग्रवाल (दैनिक भास्कर समूह) ने इस संगठन की नींव रखी थी, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर वैश्य समाज को एक सूत्र में बांधना रहा है।
उन्होंने बताया कि संगठन युवक-युवती विवाह सहयोग, पर्यावरण संरक्षण और जनकल्याण जैसे विषयों पर भी कार्य कर रहा है। बैठक में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को प्रदेशभर में चलाने का संकल्प लिया गया, साथ ही हर जिले में प्याऊ लगाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
व्यापारिक सहयोग और रक्तदान अभियान की घोषणा
बैठक के विशिष्ट अतिथि और संरक्षक सदस्य नितिन अग्रवाल ने व्यावसायिक साझेदारी और संगठनात्मक एकता को आवश्यक बताते हुए व्यापारिक नेटवर्किंग को और अधिक मजबूत करने की बात कही।
वरिष्ठ कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप धारिया ने प्रदेश में चल रही संगठन की गतिविधियों की जानकारी साझा की। वहीं प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने आगामी समय में विशाल परिचय सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।
जबलपुर में आयोजित रक्तदान शिविर का विशेष उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वहां बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया और यह प्रमाणित किया कि वैश्य समाज सेवा कार्यों में भी अग्रणी है। भविष्य में हर जिले में नियमित रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे।
महिला सहभागिता और संगठन संचालन
बैठक में बड़ी संख्या में महिला प्रतिनिधियों (मातृशक्ति) की भागीदारी भी रही। संगीता पलोड़, रश्मि अग्रवाल, मंजरी जैन सहित कई वरिष्ठ महिलाओं ने सामाजिक कार्यों में सहभागिता का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का संचालन IVF के उपाध्यक्ष मुकेश जैन एवं कार्यालय सचिव ब्रजमोहन गुप्ता ने किया। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष पोरवाल समाज से गोपाल कृष्ण गंगराड़े, मुकेश जैन, हरिओम जैन (शिवपुरी) सहित प्रदेशभर के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।
भोपाल की यह बैठक न केवल वैश्य समाज की संगठनात्मक शक्ति को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज अब सामाजिक जिम्मेदारी, सेवा भावना और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में भी सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है। रक्तदान, रोजगार, पर्यावरण और विवाह सहयोग जैसे आयामों पर लिया गया यह सामूहिक संकल्प निश्चित रूप से वैश्य समाज को नई दिशा देगा।