
मुंबई
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की कहानी बताने और पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए केंद्र सरकार 32 देशों में अलग-अलग सर्वदलीय डेलिगेशन भेज रही है. इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, पूर्व मंत्री और राजदूत शामिल हैं. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और संजय राउत को निशाने पर लिया है, जिन्होंने फैसले की आलोचना करते हुए बीते दिन डेलिगेशन की तुलना ‘बारात’ से की थी.
पार्टी से ऊपर उठकर लें फैसले
शरद पवार ने संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा कि स्थानीय राजनीति को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में पार्टी के आधार पर फैसले नहीं लिए जाते. जब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, तब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र गया था और तब मैं भी उस डेलिगेशन का सदस्य था.
एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय मुद्दे सबसे आगे हों, तो किसी को पार्टी लाइन पर स्टैंड नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र ने कुछ आठ या 9 डेलिगेशन बनाए हैं और कुछ देशों को चयनित किया गया है. पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान जो कर रहा है, उस पर भारत का रुख क्या है, यह बताने के लिए डेलिगेशन को विदेश दौरे पर भेजा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि संजय राउत जो भी कहना चाहते हैं, उन्हें कहने का अधिकार है. लेकिन शायद उनकी पार्टी की एक सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी भी इस डेलिगेशन में शामिल हैं. शरद पवार ने कहा कि स्थानीय राजनीति को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से नहीं जोड़ना चाहिए.
श्रीकांत शिंदे को भेजने पर सवाल
शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने रविवार को डेलिगेशन भेजने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस ‘बारात’ को भेजने की क्या जरूरत थी. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का बेटा विदेश में भारत का क्या प्रतिनिधित्व करेगा. राउत ने केंद्र सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए INDIA ब्लॉक के नेताओं से इस डेलिगेशन का बहिष्कार करने की अपील की है. हालांकि शिवसेना (UBT), कांग्रेस, एनसीपी (SP) और टीएमसी जैसे तमाम विपक्षी दलों के सांसद इस डेलिगेशन में शामिल हैं.
दरअसल एकनाथ शिंदे के बेटे और तीन बार के सांसद श्रीकांत शिंदे की अगुवाई में सात में एक डेलिगेशन यूएई, लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन की यात्रा करेगा. उनके साथ बांसुरी स्वराज (भाजपा), ई.टी मोहम्मद बशीर (IUML), अतुल गर्ग (भाजपा), सस्मित पात्रा (बीजेडी), मनन कुमार मिश्रा (भाजपा), पूर्व मंत्री एसएस अहलूवालिया और पूर्व राजनयिक सुजान चिनॉय भी इस दौरे पर होंगे.
इसी तरह सुप्रिया सुले, बैजयंत पांडा, रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर की अगुवाई वाले चार अलग-अलग डेलिगेश 23 से 25 मई के बीच विदेश दौरा करेंगे. वहीं, श्रीकांत शिंदे, कनिमोझी और संजय झा की अगुवाई वाले तीन अलग-अलग डेलिगेशन 21 से 23 मई के बीच विदेश दौरा करेंगे.