म्हापसा : हम सभी हिंदू यहा उपस्थित हैं, विभिन्न पदों से परे जाकर, अगले अनंत वर्षों तक हिंदू के रूप में एकजुट रहने की जरूरत है। देश को समृद्ध बनाने के लिए हिंदुओं को संगठित होने की आवश्यकता है। भगवान श्रीरामचन्द्र का मंदिर रामजन्मभूमि में बन रहा है यह अत्यानंद कि बात है। अफसोस इस बात है कि राम जन्मभूमि के लिए हमें ५०० वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा।गोवा में हर हिंदू परिवार से एक युवा रामकार्य के लिए समर्पित हो रहा है। हमारे साधु संतोंने समस्त विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम् भावना दी क्योंकि भगवान श्रीराम संपूर्ण जगत् के आदर्श हैं। लेकिन पश्चिमी लोगों ने इसका दुरुपयोग किया और देश पर अपना राज्य बनाकर हमारे उदारता का लाभ उठाया। ऐसा संबोधन पद्मश्री विभूषित सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामीजी ने दिया।

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू है, और दि. २२ जनवरी २०२४ को देश के आदरणीय पंतप्रधान नरेंद्र मोदीजींके उपस्थिती एवं देशभर से संत-महंतों के पावन उपस्थिती मे अयोध्या श्रीराम मंदिर का उद्घाटन और मूर्ति प्राणप्रतिष्ठापना का ऐतिहासिक समारोह सम्पन्न होगा। इस महोत्सव के उपलक्ष्य में, श्री दत्त पद्मनाभ पीठ द्वारा ‘चलो अयोध्या’ यह महाअभियान आयोजित किया है। दिनांक १७ जनवरी को उत्तर गोवा में सम्पन्न हुए ‘चलो अयोध्या’ कार्यक्रम में पूज्य स्वामीजी संबोधित कर रहें थे ।

पूज्य स्वामीजी ने आगे कहा कि जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने न्यून स्तर से लेकर उच्च स्तरीय लोगों तक सभी को साथ लेकर आसुरी शक्तियों को परास्त किया, उसी प्रकार हमें भी सभी को साथ लेकर देश के लिए काम करने की जरूरत है। व्यक्ति को सीमा में रहकर काम करना चाहिए लेकिन यदि सामने वाला व्यक्ति सीमा छोड़ता है तो उसे अपनी सीमा दिखानी चाहिए। हमें ऐसे कार्य नहीं करने चाहिए जिससे देश कलंकित हो, बल्कि देश की रक्षा का कार्य करते हुए जाति-पाति से ऊपर उठकर हिंदू बनकर रहना चाहिए। हमें अगली पीढ़ी को ऐसा धर्म सौंपने की जरूरत है जो सभी के कल्याण पर विचार करे। श्रीराम को कोई काल्पनिक कहें तो देशवासीने उनको उनकी जगह दिखाई है। ऐसे भी पूज्य स्वामीजी ने संबोधन किया।

श्री क्षेत्र तपोभूमि के संस्थापक, राष्ट्रसंत सद्गुरु ब्रह्मानंदाचार्य स्वामीजीने १९८९ और १९९२ में अयोध्या श्रीराम मंदिर आंदोलन में गोवा का नेतृत्व किया था। गोवा में श्रीराम शिला पूजन, श्रीराम महायज्ञ, धर्मसभा, गंगा पूजन, संत सम्मेलन जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से पूज्य स्वामीजीने जनजागृती के लिए सफल भूमिका निभाई और आंदोलन को सफलता प्राप्त कराई। तद्पश्चात् विद्यमान पीठाधीश्वर सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामीजीने देवस्थान संरक्षण महासभा, विशाल धर्म सभा, अखिल भारतीय संत सभा, हिंदू धर्म आचार्य सभा, दिव्य देवस्थान सभा, और अन्य कई कार्यक्रमों के माध्यम से सफल नेतृत्व किया।

भव्य पदयात्रा, श्रीराम पूजन, और विशाल प्रकट कार्यक्रम में हिंदू परिवार से एक युवा श्रीरामकार्य के लिए समर्पित करने का संकल्प, पूज्य स्वामीजी का दिव्य संबोधन और श्रीरामनाम के जयघोष, जयजयकार, नृत्य, ढोलताशा के उत्साहभरे वातावरण से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

व्यासपीठपर गोवा के मंत्री रोहन खंवटे, आमदार दिविया राणे, चंद्रकांत शेट्ये, प्रेमेंद्र शेट, सौ. सुलक्षणा सावंत, विविध हिंदू संस्थाओं के प्रतिनिधियों – बाबू चांदेकर (रा.स्व.सं.), मोहन आमशेकर (वि.हिं.प.), कमलेश बांदेकर (पतंजलि), शोभा संवत (सनातन), प्रीया मशाल (नगराध्यक्ष-म्हापसा), दयानंद सोपटे व जयेश साळगांवकर (माजी आमदार), सिद्धार्थ मांद्रेकर (स्वराज क्लब), तारक आरोलकर (नगरसेवक) आदि उपस्थित थे।

इस विशाल कार्यक्रम में हजारों के संख्या में हिंदूधर्मिय धर्मध्वज को लेकर कार्यक्रम में सहभागी थे। सूत्रसंचालन दीपक केदार और श्रीराज शेलार ने संचालित किया।

फोटो –
1. म्हापसा : सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्यजींके मार्गदर्शन द्वारा चलो अयोध्या कार्यक्रम में श्रीराम कार्यमें समर्पित होने का संकल्प लेते हुए हिंदूधर्माभिमानी।

2. म्हापसा : पूज्य स्वामीजीं के सान्निध्य में ‘चलो अयोध्या’ कार्यक्रम में सहभागी हुए हजारों हिंदूधर्मिय।

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