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सबल, सक्षम, सुशासित मध्यप्रदेश बनाने में लोक सेवकों की भूमिका महत्वपूर्ण&यादव

भोपाल,मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाना, सब स्वस्थ और सुखी हों यह प्रयास करना तथा मध्यप्रदेश सभी क्षेत्रों में प्रथम स्थान पर हो इसके लिए समन्वित रूप से प्रयास करना ही हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
डॉ. यादव मध्य प्रदेश राज्य सिविल सेवा में चयनित अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने तथा उनके उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। रविंद्र भवन में हुए कार्यक्रम में डॉ. यादव ने अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी वर्षों की तपस्या और परिवारों की आशा, आकांक्षा, अपेक्षा के बलबूते पर राज्य सेवा के लिए चयनित हुए हैं। यह सुखद संयोग है कि हाल ही में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई है, यह देश में सुशासन की प्राण प्रतिष्ठा है, हम रामराज्य की ओर अग्रसर हैं। आप सुशासन का पाथेय बन रहे हैं, सभी बधाई के पात्र हैं। अभ्यार्थियों को सौंपा जा रहा है नियुक्ति पत्र आपके प्रति विश्वास और आप में निहित संभावनाओं का प्रमाणीकरण है। सबल, सक्षम और सुशासित मध्यप्रदेश बनाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
डॉ. यादव ने अभ्यर्थियों से संवाद में उनके कई प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने जनसम्पर्क विभाग में नियुक्त सुश्री हिमांशी बजाज, शिवेन्द्र गुर्जर, वाणिज्यिकर अधिकारी सुश्री वर्षा पंवार, वाणिज्यिककर निरीक्षक राहुल विश्वकर्मा तथा अन्य को प्रतीक स्वरूप नियुक्ति पत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्यर्थी, म.प्र. लोक सेवा में चयन को अपना अंतिम पड़ाव नहीं मानें, आप आगे बढ़ने के लिए ललक बनाए रखें, प्रयास करते रहें शासन की ओर से हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। अभ्यर्थियों को किसी स्वीकृति की आवश्यकता होने पर उन्हें राज्य शासन द्वारा उदारतापूर्वक स्वीकृति उपलब्ध कराई जाएगी। अभ्यर्थी युवा हैं, आप देश की धरोहर हैं, भारत विश्व का सबसे युवा देश है। इस धरोहर को पुष्पित-पल्लवित करना और उन्हें अपनी क्षमतानुसार लक्ष्य प्राप्ति में मदद करना हमारा दायित्व है। देश की आजादी के अमृतकाल में सभी क्षेत्रों में देश को आगे बढ़ाने में आप सब अपना हरसंभव सहयोग प्रदान करें।
डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान युग विज्ञान और तकनीक का युग है। सौंपे गए कार्यों के संपादन में नई तकनीक को अपनाकर अपनी क्षमता बढ़ाने तथा कार्य को अधिक से अधिक सक्षमता, पारदर्शिता से शत-प्रतिशत पूर्णता तक ले जाने के लिए हमें संकल्पित रहना है। नई तकनीक अपनाने और सीखने की प्रवृत्ति के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उदाहरण देते हुए अभ्यर्थियों को प्रेरित किया और कहा कि हमें जो भी दायित्व मिले उसे शत-प्रतिशत सफलता की ओर ले जाने के लिए हम प्रतिबद्ध रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में शिक्षा की कई पद्धतियों के साथ-साथ शंकराचार्य पद्धति पर भी कई गुरूकुल संचालित हैं। इस व्यवस्था में कोई प्रमाण-पत्र नहीं है, परंतु यह पद्धति शत-प्रतिशत दक्षता के साथ काम करना सिखाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य द्वारा सौंपे गए दायित्वों के निर्वहन में समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा और त्याग के संबंध में चाणक्य, पन्नाधाय, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और कर्पूरी ठाकुर के उदाहरण देते हुए अभ्यर्थियों को विनम्र, तालमेल से कार्य करने और अध्ययनशील व सीखने के प्रवृत्ति बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
अभ्यर्थियों में प्रकाश उपाध्याय द्वारा समय के प्रबंधन के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में डॉ. यादव ने कहा कि वे सदैव डायरी मेंटेन कर प्रतिदिन के कार्यों की प्राथमिकताओं को निर्धारित करते हैं। इसके साथ ही वरिष्ठजन व अनुभवी लोगों से प्राप्त उपयोगी बिन्दुओं को भी वे नोट करते हैं, और यह नोटिंग उनसे पुन: भेंट करने तथा अन्य संदर्भ के रूप में बहुत उपयोगी‍सिद्ध होती है। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए निरंतर नवाचार करते रहने की प्रवृत्ति रखना, आगे बढ़ने की ललक बनाए रखना तथा उसे पूरा करने के लिए आवश्यक योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करने के प्रति प्रतिबद्ध रहना बहुत जरूरी है।
डॉ. यादव से श्री अंकित चौबे ने उनके जीवन यात्रा में मित्रों के महत्व व सहयोग के संबंध में प्रश्न किया। जिसके उत्तर में मुख्यमंत्री ने अपने आरंभिक जीवन के संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि जीवन के आरंभ और युवावस्था में जो मित्र रहे, वे आज भी मित्रवत हैं और हरसंभव सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। मित्र बनाने और मित्रता निभाने में ईमानदारी व शुचिता का ध्यान रखना तथा लंबे समय तक संबंधों को बनाए रखने के लिए प्रयास करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सुश्री आयुषी साहू ने जनसमस्याओं के निराकरण में उपयोगी और सहायक बिन्दुओं पर प्रकाश डालने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हम हमेशा इस प्रकार कार्य करें जो हमारे व्यक्तित्व और पद की गरिमा बढ़ाए। यह आवश्यक है कि दायित्व निर्वहन में हमारी नीयत सही हो, हम अहंकार न रखें तथा किसी भी परिस्थिति में समस्या को मात्र विभाग की दृष्टि से देखने के अलावा उसे समग्रता में भी देखें और तालमेल बैठाते हुए दायित्वों का निर्वहन करें। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक डिप्टी कलेक्टर द्वारा महिलाकर्मी से उनके जूते के फीते बंधवाने का निंदनीय मामला सामने आने और उस पर की गई त्वरित कार्यवाही का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में नारी सम्मान सर्वोपरि है। अत: परिवेश के अनुसार हमारे लिए हर पल विचारवान बने रहना आवश्यक है।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने प्रदेश की विगत 20 वर्षों की प्रगति यात्रा और प्रमुख सामाजिक आर्थिक संकेतकों पर प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश सिविल सेवा के वर्ष 2019 व 2020 के चयनित अभ्यर्थी सम्मिलित हुए। नवागत अधिकारी वाणिज्य कर, वित्त, कार्मिक; राजस्व, स्कूल शिक्षा, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, गृह, नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम, जनसंपर्क, जनजातीय कार्य, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, सहकारिता और जेल विभाग में पदस्थ होंगे।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार, अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव, एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरूण शमी विशेष रूप से उपस्थित थे।

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