विदेश

अगर तलाशा डॉलर का विकल�प तो ब�रिक�स देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया जा�गा: डोनाल�ड ट�रंप

न�यूयॉर�क
अमेरिका के नव-निर�वाचित राष�ट�रपति डोनाल�ड ट�रंप ने ब�रिक�स देशों को नई म�द�रा विकसित करने या ‘शक�तिशाली डॉलर’ की जगह पर कोई अन�य करेंसी अपनाने को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। उन�होंने धमकी दी है कि अगर �सा कोई कदम उठाया जाता है तो ब�रिक�स देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया जा�गा और उन�हें अमेरिकी बाजारों से प�रभावी रूप से प�रतिबंधित किया जा�गा। ब�रिक�स में द�निया की दो सबसे बड़ी उभरती शक�तियां चीन और भारत भी शामिल हैं। ट�रंप ने शनिवार को ट�र�थ सोशल पर लिखा, “इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब�रिक�स इंटरनेशनल ट�रेड में अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा, और जो भी देश �सा करने की कोशिश करेगा, उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहि�।�

भारत और ब�रिक�स के अन�य आठ सदस�यों के लि� अमेरिकी बाजार को बंद करने की धमकी देते ह�� उन�होंने कहा, “हमें इन देशों से यह प�रतिबद�धता चाहि� कि वे न तो नई ब�रिक�स म�द�रा बना�ंगे, न ही शक�तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन�य म�द�रा का समर�थन करेंगे, अन�यथा उन�हें 100 प�रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और उन�हें अद�भ�त अमेरिकी अर�थव�यवस�था में अपने उत�पाद बेचने को विदा कहना होगा।� चीन, मैक�सिको और कनाडा से आयात पर उच�च टैरिफ की धमकी देने के बाद ट�रंप ने अब ब�रिक�स को यह चेतावनी दी है। विदेश मंत�री (ई��म) �स. जयशंकर पहले ही ब�रिक�स देशों की सा�ा म�द�रा के विचार को स�पष�ट रूप से खारिज कर च�के हैं। उन�होंने पिछले साल जोहान�सबर�ग में समूह के शिखर सम�मेलन से पहले कहा था, “ब�रिक�स देशों की म�द�रा जैसा कोई विचार नहीं है।� भारत ब�रिक�स देशों की दूसरी सबसे बड़ी अर�थव�यवस�था है।

हालांकि ब�राजील के राष�ट�रपति ल�इज इनासियो लूला दा सिल�वा ने फिर भी जोहान�सबर�ग शिखर सम�मेलन में �क आम म�द�रा का प�रस�ताव रखा, लेकिन इस पर कोई प�रगति नहीं ह�ई। अपने अभियान के दौरान, ट�रंप ने जोर देकर कहा कि द�निया की प�रम�ख व�यापारिक म�द�रा के रूप में डॉलर के भविष�य को ख़तरा है। उन�होंने दावा किया कि राष�ट�रपति जो बाइडेन इसे अनदेखा कर रहे हैं। उन�होंने ट�र�थ सोशल पोस�ट में कहा, “यह सोच कि ब�रिक�स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं और हम खड़े होकर देखते रहें, खत�म हो च�की है।� ब�रिक�स देशों को दी गई ट�रंप की चेतावनी �क तरह से टेस�टिंग है। इसमें यह देखा जा�गा कि कौन से देश सार�वजनिक रूप से भारत जैसा र�ख अपना�ंगे। यह बीजिंग के लि� �क पूर�व चेतावनी है।

ब�रिक�स, अपने पहले सदस�यों – ब�राजील, रूस, भारत, चीन और दक�षिण अफ�रीका के नामों से बना �क संक�षिप�त नाम है। इस साल इसका विस�तार करके इसमें ईरान, मिस�र, इथियोपिया और संय�क�त अरब अमीरात (यू�ई) को शामिल किया गया। कई अन�य देशों ने ब�रिक�स में शामिल होने के लि� आवेदन किया है।

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