कोलकाता
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह और हिंदू संत कार्तिक महाराज के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेशी वकील रवींद्र घोष से मुलाकात की। रवींद्र घोष बांग्लादेश की जेल में बंद हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास का केस लड़ रहे हैं। भाजपा नेताओं ने वकील को हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए साहसिक प्रयासों के लिए सम्मानित किया। यह मुलाकात बैरकपुर स्थित उनके पुत्र के आवास पर हुई, जहां रवींद्र घोष चिकित्सा कारणों से अपना इलाज करा रहे हैं। अर्जुन सिंह ने कहा, “वह एक साहसी व्यक्ति हैं। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के लिए न्याय के लिए उनके प्रयासों की हम सराहना करते हैं। जीवन पर खतरे के बावजूद, उन्होंने डर का सामना नहीं किया, जो हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।”
रवींद्र घोष ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए न्याय की लड़ाई में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। प्रतिनिधिमंडल ने उनके साहस और समर्पण की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित किया और उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना की। बैठक में उपस्थित हिंदू संत कार्तिक महाराज ने भी घोष के कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “उनके प्रयास न केवल हिंदू समुदाय बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणास्रोत हैं।” घोष ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ के अध्यक्ष भी हैं। वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा के बारे में मुखर रहे हैं और चिन्मय कृष्ण दास का बचाव करने के कारण उन्हें जान से मारने की धमकियां मिली हैं। कार्तिक महाराज ने भी सिंह की बात को दोहराते हुए उत्पीड़ित समुदायों के अधिकारों के लिए खड़े होने के महत्व पर बल दिया।
कार्तिक महाराज ने कहा, ‘‘न्याय के प्रति रवींद्र घोष की प्रतिबद्धता मानवता की सच्ची भावना को दर्शाती है। इस काम में उनका समर्थन करना हमारा कर्तव्य है।’’ घोष ने हौसला अफजाई के लिए आभार व्यक्त किया तथा सताए गए अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा समर्थन पाकर बहुत खुशी हुई है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति बहुत खराब है और मैं अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा।’’
वकील ने मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली वर्तमान अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की ‘बिगड़ती’ स्थिति को भी उजागर किया। उन्होंने कहा, ‘‘कट्टरपंथी और हिंसा पर अंतरिम प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक है। यह न्याय का मखौल है।’’ इस महीने की शुरुआत में, ‘बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत’ के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया था।
अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और अगले साल दो जनवरी तक जेल भेज दिया। घोष ने दावा किया कि दास पर बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को एकजुट करने के उनके प्रयासों के कारण झूठे आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन अत्याचारों पर संज्ञान लेना चाहिए। अपने अधिकारों की मांग करने के लिए अल्पसंख्यक समुदायों के बीच एकता बहुत ज़रूरी है।’’