1 अगस्त से लागू होगी ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’, दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन का लक्ष्य

भोपाल। देश में युवाओं को रोजगार के अवसर देने और नियोक्ताओं को प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई)’ को मंजूरी दे दी है। यह योजना 1 अगस्त 2025 से पूरे देश में लागू होगी और अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार अवसर तैयार करने का लक्ष्य रखती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसे हरी झंडी दी गई।
रोजगार सृजन को मिलेगी नई रफ्तार
इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार ने 99,446 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट तय किया है। इससे न केवल पहली बार कार्यबल में शामिल होने वालों को लाभ मिलेगा बल्कि नियोक्ताओं को भी नए कर्मचारियों को रखने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
सरकार का मानना है कि इस कदम से युवा कार्यबल को अवसर, उद्योगों को राहत और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
दो हिस्सों में बंटा योजना का ढांचा
भाग ए: पहली बार नौकरी पाने वालों के लिए वरदान
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पहली बार ईपीएफओ में पंजीकृत कर्मचारियों को एक महीने का ईपीएफ वेतन (अधिकतम ₹15,000) मिलेगा।
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यह राशि दो किस्तों में दी जाएगी—
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पहली किस्त : 6 माह की सेवा पूरी करने के बाद।
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दूसरी किस्त : 12 माह की सेवा और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने पर।
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इस योजना का लाभ ₹1 लाख तक मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को मिलेगा।
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प्रोत्साहन का एक हिस्सा बचत साधन में रखा जाएगा ताकि बचत की आदत को बढ़ावा मिले।
भाग बी: नियोक्ताओं को प्रोत्साहन का सहारा
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सभी सेक्टरों में नए रोजगार सृजन को बढ़ावा, विशेष ध्यान विनिर्माण क्षेत्र पर।
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प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी पर 2 साल तक ₹3,000 प्रतिमाह की सहायता।
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निर्माण क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन को तीसरे और चौथे साल तक बढ़ाने की भी व्यवस्था।
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50 से कम कर्मचारियों वाले संस्थानों को कम से कम 2 नए कर्मचारी और 50 से अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों को कम से कम 5 नए कर्मचारी रखने होंगे।
प्रोत्साहन राशि का पैमाना
ईपीएफ वेतन स्लैब (रु.) | नियोक्ता को लाभ (प्रतिमाह प्रति कर्मचारी) |
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10,000 तक | ₹1,000 |
10,001 से 20,000 तक | ₹2,000 |
20,001 से 1 लाख तक | ₹3,000 |
भुगतान का तरीका बेहद सरल
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पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को आधार आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) से सीधे खाते में प्रोत्साहन मिलेगा।
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नियोक्ताओं को राशि पैन-लिंक्ड बैंक खाते में सीधे दी जाएगी।
क्या मिलेगा इस योजना से फायदा?
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युवाओं को नई नौकरियां और कार्यबल में शामिल होने की प्रेरणा।
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नियोक्ताओं को वित्तीय राहत, जिससे वे ज्यादा लोगों को काम पर रख सकेंगे।
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विनिर्माण क्षेत्र को मजबूती, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
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रोजगार आधारित विकास से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अवसर बढ़ेंगे।
सरकार का बड़ा दांव
यह योजना सिर्फ रोजगार देने का प्रयास नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था को गति देने और उद्योगों को सशक्त बनाने की रणनीति भी है। अगर यह योजना सफल होती है तो आने वाले दो वर्षों में भारत में रोजगार के अवसरों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।