Month: December 2023

राजभवन में विकसित भारत अभियान @2047 की तैयारियों की समीक्षा हुई

विकसित भारत अभियान @2047 के शुभारम्भ कार्यक्रम की तैयारियों की आधिकारिक स्तर पर समीक्षा बैठक आज राजभवन में सम्पन्न हुई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 11 दिसम्बर को आभासी माध्यम से…

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से आज मुख्यमंत्री निवास में नि:शक्तजन आयुक्त श्री संदीप रजक ने भेंटकर हाल ही में राष्ट्रपति से प्राप्त राष्ट्रीय अवार्ड की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से आज मुख्यमंत्री निवास में नि:शक्तजन आयुक्त श्री संदीप रजक ने भेंटकर हाल ही में राष्ट्रपति से प्राप्त राष्ट्रीय अवार्ड की जानकारी दी। श्री रजक…

श्री पटेल आज कैम्पियन स्कूल के खेल मैदान में आयोजित अस्थिबाधित क्रिकेट टूर्नामेंट के शुभारम्भ कार्यक्रम

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि हार-जीत तो आती जाती रहती है। हौंसला बना रहना चाहिए। परिणाम नहीं प्रयास महत्वपूर्ण होता है। परिणाम बदलते रहते हैं। उन्होंने प्रतियोगिता…

श्रीराधाचरितामृतम् भाग 32 “निभृत निकुञ्ज”- प्रेम के सर्वोच्च लोक

प्रेम के कुछ लोक हैं ये यन्त्रवत् हैंऔर सर्वोच्च हैं वैकुण्ठ लोक “शान्तलोक” है वो भगवान श्री नारायण का लोक है और भगवान नारायण का रूप शान्त है इसलिये वैकुण्ठ…

बिहारी जी नटखट हैं और छोटे से बालक भी हैं इसलिए भक्त के जीवन में बिहारी जी चमत्कार करते रहते हैं।

विश्व में केवल बाँके बिहारी जी का एक ऐसा मंदिर है जहां घंटी_नहीं है, ना ही बजाई जाती है। श्री बिहारी जी छोटे से बालक के रूप में दर्शन दे…

भगवान् विष्णुजी और सौभाग्य और धन की देवी माँ लक्ष्मीजी के साथ मृत्युलोक भ्रमण की कथा

परमेश्वर के तीन मुख्य स्वरूपों में से एक भगवान विष्णुजी का नाम स्वयं ही धन की देवी माँ लक्ष्मीजी के साथ लिया जाता है, शास्त्रों में कथाओं के अनुसार माँ…

अरण्य काण्ड में रामजी शबरी मिलन

भाग-1 कह रघुपति सुनु भामिनि बाता। मानउँ एक भगति कर नाता॥ जाति पाँति कुल धर्म बड़ाई। धन बल परिजन गुन चतुराई॥ भगति हीन नर सोहइ कैसा। बिनु जल बारिद देखिअ…

गोस्वामी तुलसीदासजी विरचित श्री रामचरितमानस अयोध्याकांड- 140

सीता राम चरन रति मोरें। अनुदिन बढ़उ अनुग्रह तोरें॥1॥ भावार्थ:-स्वयं श्री रामचंद्रजी भी भले ही मुझे कुटिल समझें और लोग मुझे गुरुद्रोही तथा स्वामी द्रोही भले ही कहें, पर श्री…

श्रीमद्भगवद्गीता पहले अध्याय का माहात्म्य

श्रीपार्वतीजीने कहा- भगवन् ! आप सब तत्त्वोंके ज्ञाता हैं। आपकी कृपासे मुझे श्रीविष्णु-सम्बन्धी नाना प्रकारके धर्म सुननेको मिले, जो समस्त लोकका उद्धार करनेवाले हैं। देवेश ! अब मैं गीताका माहात्म्य…