रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजधानी सहित पूरे छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध के लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसमें ऑनलाइन ठगी के साथ-साथ ब्लैकमेलिंग और रुपये ऐंठने के दूसरे तरीके भी शामिल हैं। ठगों ने इतने तरीके निकाल लिए हैं कि कोई न कोई शिकार बन ही जाता है। इन्हीं कारणों से प्रदेश में पांच अलग-अलग रेंज में साइबर थाने खोले गए हैं, ताकि साइबर क्राइम से जुड़े मामलों पर अलग से नजर रखी जा सके।
साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की एक रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें अलग-अलग राज्यों के गिरोह का ब्यौरा तैयार किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में सात राज्यों के करीब दो दर्जन से ज्यादा ठग गिरोहों ने लोगों को शिकार बनाया है।
झारखंड से शुरू हुए ऑनलाइन ठगी के तरीकों के बाद अब दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार और पश्चिम से बंगाल में भी ठगों के गिरोह सक्रिय हैं। ये फोन से या फिर ऑनलाइन तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। बढ़ती वारदात को देखते हुए साइबर क्राइम को लेकर पोर्टल भी बनाया गया है। इसपर जाकर साइबर क्राइम की शिकायत की जा के सकती है। वहीं हेल्पलाइन का नंबर ‘1930’ भी जारी किया गया है।
देश में 10 राज्यों में तीन दर्जन गांव और शहर
केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश के 10 राज्यों में तीन दर्जन से ज्यादा गांव और शहर ऐसे हैं जो साइबर क्राइम का गढ़ बन गए हैं। दिल्ली से लेकर आंध्र प्रदेश और गुजरात से लेकर असम तक गिरोह हैं। झारखंड के जामताड़ा को ही साइबर क्राइम का गढ़ माना जाता था, लेकिन अब देश में एक दो नहीं, बल्कि जामताड़ा जैसे तीन दर्जन से ज्यादा ठगी के केंद्र बन गए हैं।
छत्तीसगढ़ में अंजाम देने वाले ये हैं ठगी के गढ़
झारखंड: जामताड़ा और देवघर से ऑनलाइन ठगी की शुरुआत से हुई थी।
राजस्थान: भरतपुर में सेक्सटॉर्शन और आर्मी के नाम पर ठगी की घटनाएं हुईं।
हरियाणा: मेवात में इंटरनेट मीडिया के जरिए ठगी के केस बढ़ते जा रहे हैं।
उत्तरप्रदेश: मथुरा में सेक्सटॉर्शन और इंटरनेट मीडिया से जुड़े गिरोह सक्रिय हैं।
दिल्ली-NCR: इंश्योरेंस, ऑनलाइन जॉब, कॉल सेंटर, नाइजीरियन फ्रॉड के गिरोह।
बिहार: बांका, बेगूसराय, जमुई, नवादा, नालंदा, गया में केबीसी के नाम पर ठगी।
पश्चिम बंगाल: आसनसोल-दुर्गापुर में सिम क्लोनिंग, जामताड़ा गिरोह की गतिविधियां।