WordPress database error: [Disk full (/tmp/#sql-temptable-9523f-44fd-1de.MAI); waiting for someone to free some space... (errno: 28 "No space left on device")]
SELECT DISTINCT meta_value FROM wptw_usermeta WHERE meta_key = 'wptw_googlesitekit_site_verification_meta'

धर्मं

जो मिले, जब मिले और जितना मिले उसी में संतुष्ट रहना आपको स्वयं तो आनंद से भर ही देता है

जो मिले, जब मिले और जितना मिले उसी में संतुष्ट रहना आपको स्वयं तो आनंद से भर ही देता है साथ ही साथ दूसरों में भी आपके प्रति सम्मान की भावना का उदय कर देता है।

भगवान भोलेनाथ के जीवन की यह सीख बड़ी ही अद्भुत है। कभी दूध भी मिला तो प्रसन्न हो गये कभी केवल पानी ही मिला तो भी प्रसन्न हो गये। कभी किसी ने शहद अर्पित किया तो प्रसन्न हो गये और किसी ने धतूरा भी अर्पित किया तो सहर्ष स्वीकार कर लिए। केवल एक विल्व पत्र पर रीझने वाले भगवान भोले नाथ जीव को यह सीख देना चाहते हैं कि जरूरी नहीं कि हर बार उतना ही मिलेगा जितना आपकी इच्छा है। कभी-कभी कम मिलने पर भी अथवा जो मिले, जब मिले और जितना मिले उसी में संतुष्ट रहना तो सीखो।

हर कोई चाहता हैं कि उसका रूप-रंग हमेशा ऐसे ही बना रहे, वो कभी बूढ़ा न हों, लेकिन ऐसा होना किसी के लियेे भी संभव नहीं होता है। यह प्रकृति का नियम है कि एक समय के बाद हर किसी का युवा अवस्था उसका साथ छोड़ती ही है। अब हमेशा युवा बने रहने के लिए मनुष्य चाहे कितनी ही कोशिशें कर ले, लेकिन ऐसा नहीं कर पाता।

मनुष्य की परछाई उसका साथ सिर्फ तब तक देती है, जब तक वह धूप में चलता है। अंधकार आते ही मनुष्य की छाया भी उसका साथ छोड़ देती है।

अगर साथ चाहिए तो उस परमपिता परमात्मा का साथ लो जो आपके साथ सदेव है चाहे कोई भी अवस्था हो कोई भी समय हो वो आपके साथ सदा है यही परम सत्य है श्री कृष्ण को अपना बना लो और खुद उनके बन जाओ।

!!!…बदन मेरा मिट्टी का,
सांस मेरी उधार हैं…!!
घमंड करू तो किस बात का,
हम सब उसके ही तो किरायेदार है…!!!
जय श्री कृष्ण

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button