नई दिल्ली
कथित शराब घोटाले केस में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सीबीआई केस जमानत के लिए दायर केजरीवाल की याचिका पर सोमवार को जोरदार बहस हुई। सीबीआई ने जहां केजरीवाल को घोटाले का मास्टमाइंड बताया तो वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री के वकील ने कहा कि जांच एजेंसी के पास कोई सबूत नहीं है। सीबीआई ने यह भी कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पिछले एक महीने में उन्हें बहुत सबूत मिले हैं और इसे उपलब्ध कराने वालों में आम आदमी पार्टी के नेता भी शामिल हैं। जस्टिस नीना बसंल कृष्णा की अदालत में केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की इस दलील का विरोध किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए। सीबीआई ने अदालत को बताया अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है। एजेंसी ने कहा कि सिर्फ चार्जशीट दायर हो जाने से उन्हें जमानत का अधिकार नहीं मिल जाता है। उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिली है। केवल अंतरिम जमानतें मिली हैं। सीबीआई के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल टेस्ट पर चर्चा नहीं हुई है। यह सिर्फ अंतरिम राहत है जो संविधान पीठ पर निर्भर है।
गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल के खिलाफ सामने आए सबूत
सीबीआई ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें नए सबूत मिले हैं। सीबीआई के वकील ने कहा, ‘गिरफ्तारी के बाद हमे सबूत मिले हैं। उनकी पार्टी के कार्यकर्ता और उम्मीदवार ही जवाब देने सामने आ गए। ये पहले नहीं आ रहे थे। हमें पंजाब से सबूत मिले हैं, जो पहले सामने नहीं आया था। उनकी गिरफ्तारी रेयर है, लेकिन हमारे पास पर्याप्त सबूत है। पिछले एक महीने में जिस तरह के सबूत मिले हैं… हमने जांच पूरी कर दी और चार्जशीट दायर कर दी।’ सीबीआई के वकील ने कहा, ‘हमने इस केस में 44 करोड़ रुपए का पता लगाया है। यह पैसा गोवा गया। खुद केजरीवाल ने अपने उम्मीदवारों से कहा था कि पैसे की चिंता ना करें, चुनाव लड़ें।’ सिंह ने कहा, ‘हमने पंजाब सरकार के दो अधिकारियों के खिलाफ जांच की मंजूरी मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने इनकार कर दिया। उनकी गिरफ्तारी के बाद ही पंजाब के अधिकारी आए और इससे अधिक सीधा सबूत नहीं हो सकता है।’
केजरीवाल ही सूत्रधार: सीबीआई
सीबीआई ने कहा, ‘वह (केजरीवाल) शराब घोटाले के सूत्रधार (मास्टरमाइंड) हैं। सभी मंत्रियों की नियुक्ति उन्होंने की है। उन्होंने अपने सचिवों की नियुक्ति की और विजय नायर इसका हिस्सा हैं। वह मीडिया कॉर्डिनेटर थे।’ डीपी सिंह ने विजय नायर की भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि वे अरविंद केजरीवाल के संपर्क में थे। सीबीआई के वकील ने कहा, ‘केजरीवाल कैबिनेट के मुखिया हैं। उन्होंने इस पर हस्ताक्षर (आबकारी नीति पर) किए। उन्हें साथियों को दिया और सभी ने एक दिन में ही साइन कर दिया। यह कोविड के दौरान किया गया।’
फाइनल चार्जशीट दायर, अब ट्रायल के लिए तैयार: CBI
सीबीआई ने सीधे हाई कोर्ट में जमानत पर सुनवाई का विरोध करते हुए कहा कि कुछ परिस्थितियों में ऐसा किया जा सकता है, लेकिन उच्च न्यायालय जमानत के लिए पहली अदालत नहीं हो सकती है। सीबीआई ने कहा कि आखिरी चार्जशीट दायर की जा चकुी है और अब एजेंसी ट्रायल शुरू करने के लिए तैयार है।
फिर तो एलजी और अफसरों को भी बनाना चाहिए सह आरोपी: सिंघवी
सिंघवी ने एक बार फिर कहा कि यह इंश्योरेंस अरेस्ट है। ईडी केस में केजरीवाल को तीन बार जमानत मिली, एक या दूसरे रूप में। सिंघवी ने कहा कि सेक्शन 160, सीआरपीसी का संबंध गवाह से है और उन्हें सीबीआई ने इसी के तहत बुलाया था। 2023 में गवाह के तौर पर बुलाया गया। फिर कोई समन नहीं, कुछ नहीं और 2024 में गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल के वकील ने कहा, ‘मेरे खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है। वे विजय नायर का नाम लेते हैं, जिसे बहुत पहले जमानत मिल चुकी है।’ सिंघवी ने कहा, ‘उन्होंने मुझे सूत्रधार कहा। लेकिन इस सूत्रधार पर एक भी चीज का खुलासा नहीं। यह संस्थागत फैसला था। सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल ने इस पर हस्ताक्षर किए। हां, लेकिन 15 अन्य लोगों ने भी साइन किए। एलजी ने भी। मैं एलजी को सह आरोपी नहीं बनाना चाहता था लेकिन डीपी सिंह की अपनी ही दलील के मुताबिक उन्हें आरोपी बनाना चाहिए। चीफ सेक्रेट्री समेत 50 नौकरशाहों को सह आरोपी बनाना चाहिए।’
26 जून को सीबीआई ने किया था गिरफ्तार
कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। लेकिन वह जेल से बाहर नहीं निकल पाए। इसकी वजह यह है कि सुपीम कोर्ट से राहत मिलने से पहले ही पिछले महीने सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था जबकि सीबीआई ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी। सीबीआई केस में गिरफ्तारी को केजरीवाल ने सबसे पहले निचली अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन यहां से निराशा मिलने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट में गिरफ्तारी की चुनौती देने के साथ उन्होंने जमानत की भी मांग की। सीबीआई ने यह कहते हुए केजरीवाल की जमानत याचिका पर विचार का विरोध किया था कि उन्होंने निचली अदालत में जमानत की मांग नहीं की।