नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश का पानी भरने से शनिवार शाम तीन छात्रों की डूबकर मौत हो गई। वहीं, अब इस मामले में एक छात्र ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिख कर राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर जैसे क्षेत्रों में खराब बुनियादी ढांचे की ओर ध्यान दिलाया है।
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
छात्र अविनाश दुबे ने सीजेआई को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया है कि वह दिल्ली में नरक जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। अपने पत्र में छात्र ने सीजेआई चंद्रचूड़ से तीन साथी छात्रों की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग के साथ-साथ अन्य छात्रों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा की भी मांग की है।
सीजेआई से लगाई ये गुहार
अविनाश दुबे ने एक इमारत के बेसमेंट में तीन छात्रों के डूबने की घटना का जिक्र किया है। अपने पत्र में छात्र ने प्रधान न्यायाधीश से गुहार लगाते हुए लिखा- मुखर्जी नगर और राजेंद्र नगर जैसे इलाके नगर निगम की लापरवाही के कारण कई सालों से हर साल जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। हमें घुटनों तक भरे नाले के पानी में चलना पड़ता है। अपनी परीक्षा की तैयारी करने के लिए हमें यहां नरक जैसी जिंदगी जीनी पड़ रही है। अपनी शिकायत में उसने कहा कि बाढ़ और सीवेज का पानी कभी-कभी घरों में भी घुस जाता है।
13 कोचिंग सेंटर में लगा ताला
वहीं, तीन छात्रों की मौत के बाद अब दिल्ली नगर निगम (MCD) की आंखें खुली है। इस दुखद हादसे के बाद MCD ने पुराने राजिंदर नगर इलाके के 13 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया है। ये सभी नियमों का उल्लंघन करते पाए गए है। वहीं, दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय के मुताबिक, नगर निगम की एक टीम ने रविवार को इलाके के कई कोचिंग सेंटरों की जांच की और पता लगाया कि इस इलाके में कितने कोचिंग सेंटर है, जिनकी क्लासेस बेसमेंट में होती है। एमसीडी को ऐसे 13 सेंटर मिले, जिन्हें अब सील कर दिया गया है।