नई दिल्ली
इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट (आईआईएस) ने भारत में कुश्ती को विकसित करने के इस खेल की वैश्विक नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं।
समझौता ज्ञापन को पेरिस के एफिल टावर के पास एक नाव पर स्थित यूडब्ल्यूडब्ल्यू के आतिथ्य स्थल, रेसलिंग हाउस में औपचारिक रूप दिया गया। समझौते का उद्देश्य विभिन्न पारस्परिक रूप से लाभप्रद कार्यक्रमों, पहलों, परियोजनाओं और गतिविधियों के माध्यम से भारत में कुश्ती के विकास के लिए एक सहयोगी ढांचा स्थापित करना है।
आईआईएस के संस्थापक पार्थ जिंदल ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके रोमांचित हैं। इसका उद्देश्य खेल में भारत की प्रगति को आगे बढ़ाना है। भारत ने ऐतिहासिक रूप से दुनिया भर में कुछ बेहतरीन पहलवान पैदा किए हैं और यूडब्ल्यूडब्ल्यू का समर्थन हमारे कार्यक्रमों को अगले स्तर तक ले जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आईआईएस से जुड़े चार खिलाड़ियों ने ओलंपिक पदक जीते है और इसमें दो कुश्ती में आये हैं। यह खेल हमारे कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान अब एलए (लॉस एंजिल्स) 2028 और ब्रिस्बेन 2032 पर केंद्रित है। हमारी कोशिश सही प्रतिभा को सामने लाने और गुणवत्तापूर्ण कोच तैयार करने पर है। यह साझेदारी इन दोनों को पूरा करने में मदद करेगी।’’
इस संस्थान ने भारत में कुश्ती के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक इसके उल्लेखनीय खिलाड़ियों में से हैं। आईआईएस में प्रशिक्षण हासिल करने वाली अंतिम पंघाल और निशा दाहिया ने हाल ही में पेरिस ओलंपिक में भाग लिया था। यह दोनों पहलवान विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता रह चुकी है। आयु वर्ग में आईआईएस ने अंडर 20 एशियाई चैम्पियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता धनफांड और नितिका का समर्थन किया है।
नई दिल्ली
इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट (आईआईएस) ने भारत में कुश्ती को विकसित करने के इस खेल की वैश्विक नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं।
समझौता ज्ञापन को पेरिस के एफिल टावर के पास एक नाव पर स्थित यूडब्ल्यूडब्ल्यू के आतिथ्य स्थल, रेसलिंग हाउस में औपचारिक रूप दिया गया। समझौते का उद्देश्य विभिन्न पारस्परिक रूप से लाभप्रद कार्यक्रमों, पहलों, परियोजनाओं और गतिविधियों के माध्यम से भारत में कुश्ती के विकास के लिए एक सहयोगी ढांचा स्थापित करना है।
आईआईएस के संस्थापक पार्थ जिंदल ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके रोमांचित हैं। इसका उद्देश्य खेल में भारत की प्रगति को आगे बढ़ाना है। भारत ने ऐतिहासिक रूप से दुनिया भर में कुछ बेहतरीन पहलवान पैदा किए हैं और यूडब्ल्यूडब्ल्यू का समर्थन हमारे कार्यक्रमों को अगले स्तर तक ले जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आईआईएस से जुड़े चार खिलाड़ियों ने ओलंपिक पदक जीते है और इसमें दो कुश्ती में आये हैं। यह खेल हमारे कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान अब एलए (लॉस एंजिल्स) 2028 और ब्रिस्बेन 2032 पर केंद्रित है। हमारी कोशिश सही प्रतिभा को सामने लाने और गुणवत्तापूर्ण कोच तैयार करने पर है। यह साझेदारी इन दोनों को पूरा करने में मदद करेगी।’’
इस संस्थान ने भारत में कुश्ती के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक इसके उल्लेखनीय खिलाड़ियों में से हैं। आईआईएस में प्रशिक्षण हासिल करने वाली अंतिम पंघाल और निशा दाहिया ने हाल ही में पेरिस ओलंपिक में भाग लिया था। यह दोनों पहलवान विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता रह चुकी है। आयु वर्ग में आईआईएस ने अंडर 20 एशियाई चैम्पियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता धनफांड और नितिका का समर्थन किया है।