मेनका द्विवेदी संवाददाता
ग्वालियर में प्रदूषण नियंत्रण के लिये सभी संबंधित विभागों को मिलकर प्रयास करने होंगे। नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आरटीओ व निर्माण विभाग अपने-अपने स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण के लिये कारगर कार्रवाई करें। संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह की अध्यक्षता में प्रदूषण नियंत्रण के लिये आयोजित विभागीय बैठक में यह बात कही गई।
संभागीय आयुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित शहर में प्रदूषण नियंत्रण के लिये आयोजित बैठक में कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह, डीएफओ ग्वालियर श्री अंकित पाण्डेय, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोडल अधिकारी श्री योगेन्द्र कुमार सक्सेना, अपर आयुक्त नगर निगम श्री विजय राज, सिटी प्लानर नगर निगम श्री पवन सिंघल सहित निर्माण विभागों के अधिकारी और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह ने बैठक में कहा कि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण धूल उड़ना है। इसके लिये नगर निगम द्वारा पाँच नई आधुनिक मशीनें क्रय की गई हैं। आवश्यकतानुसार अन्य मशीनें क्रय करने की कार्रवाई भी निगम करे। रोड़ स्वीपिंग मशीनों में जीपीएस एवं कैमरे लगाने के निर्देश भी बैठक में दिए गए। इसके साथ ही रोड़ स्वीपिंग मशीन की मॉनीटरिंग स्मार्ट सिटी के कंट्रोल कमाण्ड सेंटर के माध्यम से करने के निर्देश भी दिए गए।
संभागीय आयुक्त श्री सिंह ने बैठक में सभी निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने विभाग में चल रहे सभी निर्माण कार्यों में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि निर्माण के समय धूल न उड़े। इसके लिये नियमित छिड़काव एवं पॉलिथिन से ढंककर ही निर्माण कार्य किए जाएँ, ताकि प्रदूषण नियंत्रण हो सके। बैठक में शहर में संचालित ईंट भट्टों के संबंध में निर्णय लिया गया कि खनिज विभाग के माध्यम से उन्हें समझाइश दी जाए कि वे आधुनिक तकनीक का उपयोग करें, जिससे प्रदूषण नहीं होता है। समझाइश के पश्चात भी अगर ईंट भट्टा संचालक नहीं मानते हैं तो उन्हें शहर से बाहर स्थापित करने की कार्रवाई की जाए।
संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह ने बैठक में कहा है कि शहर से लगे हुए सभी औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाली अनुपयोगी वस्तुओं का निष्पादन भी सही तरीके से हो, इसके लिये नगर निगम, उद्योग एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी, औद्योगिक क्षेत्र के पदाधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करें। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शहर में ऐसे स्थान जहाँ पर अधिक धूल उड़ती है वहाँ पर निगम के माध्यम से फॉगिंग की व्यवस्था हो, यह भी सुनिश्चित किया जाए।
संभागीय आयुक्त श्री सिंह ने कहा कि शहर में वर्तमान में 35 इकाईयों के माध्यम से वायु प्रदूषण की जाँच का कार्य किया जा रहा है। शहर के विभिन्न पेट्रोल पम्पों अथवा वाहन सुधार एजेंसियों पर भी वायु प्रदूषण जाँच की मशीनें लगें, इसके लिये पेट्रोल पंप संचालकों एवं सर्विस सेंटरों के संचालकों से चर्चा कर इसे बढ़ाने की कार्रवाई की जाए।
बैठक के प्रारंभ में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से ग्वालियर के लिये नियुक्त नोडल अधिकारी श्री योगेश कुमार सक्सेना ने ग्वालियर प्रदूषण नियंत्रण के संबंध में अपना प्रजेण्टेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि ग्वालियर में वायु प्रदूषण की मात्रा अधिक है। इसके लिये सभी विभागों को समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है।
नगर निगम के सिटी प्लानर श्री पवन सिंघल ने बैठक में बताया कि ग्वालियर नगर निगम को पिछले पाँच वर्षों में प्रदूषण नियंत्रण के लिये लगभग 95 करोड़ रूपए की धनराशि आवंटित की गई है, जिसमें निगम द्वारा 58 करोड़ रूपए खर्च कर कार्य किया गया है। इसके साथ ही कुल 82 करोड़ रूपए के कार्य शहरी क्षेत्र में चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा सीएनडी वेस्ट से पेवर ब्लॉक बनाने का प्लांट भी प्रारंभ कर दिया गया है। इसके साथ ही एयरपोर्ट निर्माण एवं रेलवे स्टेशन जीर्णोद्धार के कार्य से निकलने वाले सीएनडी वेस्ट को भी प्लांट पर लाने के लिये कार्य किया जा रहा है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आरटीओ कार्यालय में वायु प्रदूषण जाँच के लिये चार मशीनें स्थापित करने का कार्य भी निगम के माध्यम से किया जायेगा। बैठक में शहर में सघन वृक्षारोपण का कार्य हाथ में लेने और जिन स्थानों पर धूल उड़ती है वहाँ पर हरियाली करने का कार्य भी विभिन्न विभागों के माध्यम से किया जायेगा।