राज्य

भोपाल बनेगा देश का कंप्यूट कैपिटल — एआई डेटा सेंटर को कैबिनेट से मंज़ूरी, ‘कमाल का भोपाल’ को मिली टेक्नोलॉजी लिफ्टऑफ

विवेक झा, भोपाल, 22 जुलाई 2025। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल अब प्रशासनिक राजधानी से आगे बढ़कर डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) युग की नई पहचान गढ़ने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई आज की मंत्रिमंडल बैठक में 1 गीगावॉट क्षमता वाले एआई-रेडी डेटा सेंटर की स्थापना को सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी गई। यह ऐतिहासिक निर्णय न केवल प्रदेश के तकनीकी आत्मनिर्भरता के सपने को मजबूती देगा, बल्कि भोपाल को देश के कंप्यूट कैपिटल के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।


स्पेन की कंपनी ‘सबमर टेक्नोलॉजीज’ के साथ साझेदारी

इस डेटा सेंटर का निर्माण स्पेन की इनोवेटिव टेक्नोलॉजी कंपनी Submer Technologies के सहयोग से होगा, जो अत्याधुनिक इमर्शन कूलिंग तकनीक में वैश्विक अग्रणी है। इस तकनीक के जरिए न केवल बिजली की लगभग 45% तक बचत होगी, बल्कि 90% तक जल संरक्षण भी संभव होगा। इससे यह केंद्र भारत के सबसे ग्रीन और क्लीन डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर में शामिल होगा।


AI Compute का इंजन बनेगा भोपाल

यह डेटा सेंटर लाखों GPU प्रोसेसर को होस्ट करने की क्षमता रखेगा, जिससे मशीन लर्निंग, IoT, हेल्थ टेक, साइबर सिक्योरिटी, स्मार्ट गवर्नेंस जैसे क्षेत्रों में मप्र की क्षमता कई गुना बढ़ेगी। यह सेंटर AI और डिजिटल गवर्नेंस का वह इंजन साबित होगा जो मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाएगा।


रोज़गार, निवेश और प्रशिक्षण का केंद्र

मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सबमर टेक्नोलॉजीज और राज्य सरकार के बीच हुए MoU में यह स्पष्ट है कि यह परियोजना स्थानीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण, टेक्निकल संस्थानों से साझेदारी, और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने का माध्यम बनेगी। इससे नौकरी के नए अवसर, स्टार्टअप सहयोग और उद्योगिक नवाचार को नई दिशा मिलेगी।


‘कमाल का भोपाल’ अभियान की अहम भूमिका

इस बड़े निर्णय के पीछे ‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट और अभियान की गहरी भूमिका मानी जा रही है। पिछले वर्ष क्रेडाई भोपाल ने राज्य सरकार के समक्ष AI लाइटहाउस, लॉजिस्टिक हब, स्मार्ट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे, जिनमें यह डेटा सेंटर प्रमुख प्रस्ताव था।

क्रेडाई भोपाल अध्यक्ष श्री मनोज मीक ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“हमने बार-बार कहा था — कंप्यूट इज़ न्यू करंसी, AI इज़ न्यू गवर्नेंस। आज सरकार ने इस दूरदृष्टि को अपनाया है। यदि इसे सही दिशा में आगे बढ़ाया गया तो भोपाल निश्चित रूप से भारत का AI कैपिटल बन सकता है।”


आगे की कार्ययोजना

  • Submer Technologies की टेक्निकल टीम जल्द ही भोपाल में साइट विजिट करेगी और निर्माण कार्य का आरंभ होगा।

  • मप्र इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन और नगरीय प्रशासन विभाग भूमि आवंटन, नीति समर्थन और निवेश अनुमोदन में तेज़ी लाएंगे।

  • यह प्रोजेक्ट आने वाले समय में भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन की स्मार्ट सिटी प्लानिंग का आधार स्तंभ भी बनेगा।


भोपाल की नई पहचान: टेक + क्लीन + स्मार्ट

यह निर्णय राजधानी भोपाल के लिए केवल तकनीकी दृष्टि से नहीं, बल्कि आर्थिक, शैक्षिक और नवाचार आधारित भविष्य के लिए मील का पत्थर है। यह पहल न केवल टेक्नोलॉजी इनफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाएगी, बल्कि शुद्ध ऊर्जा, जल संरक्षण और ग्रीन डेटा सॉल्यूशंस की दिशा में भी प्रदेश को उदाहरण बनाएगी।

मध्यप्रदेश सरकार की यह पहल यह दर्शाती है कि राज्य अब पारंपरिक प्रशासनिक व्यवस्था से निकलकर डिजिटल गवर्नेंस और नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है। यदि सबकुछ योजनानुसार आगे बढ़ा, तो ‘कमाल का भोपाल’ महज़ एक नारा नहीं, बल्कि एक नवोन्मेषी यथार्थ बन जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button