मानस टुडे न्यूज नेटवर्क बड़वानी
इम्तियाज खान intu
संस्कृति, प्रकृति, संविधान एवं लोकतंत्र संरक्षण अनवरत् यात्रा के तृतीय चरण में आस्था पैदल यात्रा की शुरुआत शनिवार से राणी काजल माता मंदिर वरला रोड़ नवलपुरा से पूर्व राज्यकर कर अधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता पोरलाल खर्ते के नेतृत्व में प्रारंभ की जा रही है। रविवार को ऐतिहासिक स्थल बिजागढ़ पहुंचकर यात्रा का समापन होगा।बताया जाता है कि बिजागढ़ पहाड़ पर पुरातन काल के सात तालाब बने हुए हैं। इस यात्रा के दरमियान जितने गांव रास्ते में पड़ेंगे उन गांवों में आदिवासी समाज के मूल आस्था और श्रद्धा के केंद्र जैसे गांव काकड़, बाबदेव, गोठान, नावणी, हिंदला बाबा, खेड़ापति हणुवत बाबा आदि स्थलों पर जाकर पारंपरिक पूजा अर्चना करके यह यात्रा अगले गांव पहुंचेगी।
यात्रा संयोजक पोरलाल खर्ते से मिलने वाले कार्यकर्ता उक्त आस्था और श्रद्धा के केंद्र पर मुलाकात करेंगे। संस्कृति, प्रकृति, संविधान एवं लोकतंत्र संरक्षण अनवरत् यात्रा की शुरुआत पूर्व राज्य कर अधिकारी द्वारा अपनी शासकीय सेवा छोड़ने के उपरांत 2 सितंबर 2023 से प्रारंभ की गई है, जो आजीवन अनवरत रूप से चलते रहेगी। यात्रा का पहला चरण उनके इंदौर स्थित निवास से सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ प्रारंभ होकर उनके गृह गांव मेंदल्यापानी तहसील वरला तक रहा। यात्रा का द्वितीय चरण 30 दिसंबर 2023 को डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महु से प्रारंभ की जाकर इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी तथा महाराष्ट्रए गुजरात एवं दादरा नगर हवेली के सैकड़ों गांव के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते हुए दादरा नगर हवेली पहुंची। जहां पर आदिवासी एकता परिषद के 31वां आदिवासी सांस्कृतिक एकता महासम्मेलन का हिस्सा बनी। यह यात्रा 17 दिवस और लगभग 1200 किमी चली। इस अनवरत यात्रा का मूल मकसद संस्कृति, प्रकृति, संविधान एवं लोकतंत्र के प्रति लोगों में जनजाग्रति लाकर संवेदना पैदा करना है। ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी मूल संस्कृति जो वर्तमान काल व समय के अनुसार प्रासंगिक है, वो बची रहे और आगे बढ़े। प्रकृति सुरक्षित रहै। इस दौरान अनिल रावत पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आदिवासी एकता परिषद, सीताराम बर्डे जनपद उपाध्यक्ष सेंधवा, सिलदार सोलंकी पूर्व सरपंच वाकी गोई, विजय सोलंकी प्रदेश प्रवक्ता आदिवासी मुक्ति संगठन, परसराम सेनानी पूर्व मंडी डायरेक्टर, महेंद्र सेनानी जिला उपाध्यक्ष बड़वानी, अमर सोलंकी बहादुर कोठारी, मगन जमरेए संदीप लोहारिया आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।