अमृतसर
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई है. श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दे दिया है. सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने का आरोप है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर तनखैया क्या होता है और इसमें कैसी सजा मिलती है.
बादल को माफी मांगने का आदेश
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल को साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने बादल को 15 दिन के अंदर अकाल तख्त में पेश होने का निर्देश दिया है. मामले पर अकाली दल के प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल अकाल तख्त में पेश होंगे और उसके बाद उन्हें जो गुनाह बताए जाएंगे, उसपर वे अपना पक्ष रखेंगे.
वहीं इससे पहले 14 जुलाई को अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई थी. इसमें सुखबीर सिंह बादल से 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया था. 24 जुलाई को बादल की तरफ से बंद लिफाफे में अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था.
क्या है मामला
बता दें कि शिरोमणि अकाल दल (एसएडी) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब के पांच सिख महापुरोहितों ने ‘तनखैया’ (धार्मिक दुराचार का दोषी ) घोषित किया है. सुखबीर बादल को अकाल तख्त साहिब ने ‘तनखैया’ घोषित करने के साथ ही 15 दिनों के भीतर सुखबीर को एक आम सिख की तरह तख्त के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया है. जत्थेदार अकाल तख्त साहिब ज्ञानी रघुबीर सिंह ने इस फैसले की घोषणा की है.
दरअसल रघबीर सिंह ने कहा है कि कि अकाली दल के प्रधान और डिप्टी सीएम रहते हुए सुखबीर बादल ने सिख धर्म के खिलाफ कई फैसले लिए थे, इससे सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ है. तनखैया करार देते हुए सुखबीर बादल को एक साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगने को कहा गया है. अकाली दल के प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा का कहना है कि सुखबीर बादल को अकाल तख्त में उनके गुनाह बताए जाएंगे, जिस पर सुखबीर बादल अपना पक्ष रखेंगे.