पेरिस
वाह!!! मनु भाकर, वाह!!! सरबजोत सिंह… दोनों की जोड़ी ने पेरिस ओलंपिक में इतिहास रच दिया. भारत के मनु भाकर और सरबजोत सिंह 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में ओह ये जिन और ली वोनहो की मिक्स्ड कोरियाई जोड़ी को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता. मनु भाकर एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गईं.
दरअसल, मनु भाकर स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई, जिन्होंने सरबजोत सिंह के साथ पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में कोरिया को हराकर इतिहास रच दिया. भारतीय जोड़ी ने कोरिया को 16-10 से हराकर देश को इस ओलंपिक में दूसरा पदक दिलाया. इससे पहले मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था.
ब्रिटिश मूल के भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन प्रिचार्ड ने 1900 ओलंपिक में 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीते थे लेकिन वह उपलब्धि आजादी से पहले की थी.
पेरिस ओलंपिक 2024 के चौथे दिन फैन्स की नजरें एक बार फिर मनु भाकर पर रहीं. वह 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम ब्रॉन्ज मेडल मैच में आज (30 जुलाई) भारत के सरबजोत सिंह संग खेलने उतरीं. इससे पहले मनु ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीता था, यह मेडल जीतने वाली पहली भारतीय निशानेबाज बन गईं. मनु ने फाइनल में कुल 221.7 अंक जुटाए थे, भारत का मौजूदा पेरिस ओलंपिक में यह पहला मेडल था. साथ ही ओलंपिक के इतिहास में भारत का यह शूटिंग में पांचवां मेडल रहा. लेकिन आज मनु ने एक और मेडल दिलाकर खुद तो दूसरा मेडल जीतकर इतिहास रचा ही. वहीं उन्होंने ओलंपिक शूटिंग में अब कुल मेडल की संख्या 6 कर दी.
मनु भाकर ने बनाया ये महारिकॉर्ड
मनु भाकर 30 जुलाई को ब्रॉन्ज मेडल जीतते ही इतिहास रच दिया. वह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं. इससे पहले कोई भी भारतीय खिलाड़ी एक ओलंपिक में दो मेडल नहीं जीत सका है. सुशील कुमार और पीवी सिंधु ने जरूर दो-दो पदक जीते हैं, लेकिन ये मेडल अलग-अलग ओलंपिक खेलों में आए.
मनु ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीता था, यह मेडल जीतने वाली पहली भारतीय निशानेबाज बन गईं. मनु ने फाइनल में कुल 221.7 अंक जुटाए थे, भारत का मौजूदा पेरिस ओलंपिक में यह पहला मेडल रहा. साथ ही ओलंपिक के इतिहास में भारत का यह शूटिंग में पांचवां मेडल रहा.मनु से पहले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (सिल्वर मेडल, एथेंस 2004), अभिनव बिंद्रा (गोल्ड मेडल, बीजिंग ओलंपिक 2008), गगन नारंग ( ब्रॉन्ज मेडल लंदन ओलंपिक 2012), विजय कुमार (सिल्वर मेडल पदक लंदन ओलंपिक (2012) ने शूटिंग में मेडल जीते थे.
पीएम मोदी ने दी मनु भाकर और सरबजोत को बधाई
पीएम मोदी ने मनुभाकर और सरबजोत को बधाई दी. उन्होंने एक्स पर लिखा- हमारे निशानेबाज हमें लगातार गौरवान्वित कर रहे हैं. ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में कांस्य पदक जीतने के लिए मनु भाकर और सरबजोत सिंह को बधाई. दोनों ने शानदार कौशल और टीम वर्क दिखाया है. भारत अविश्वसनीय रूप से प्रसन्न है.
मनु के लिए, यह उनका लगातार दूसरा ओलंपिक पदक है, जो उनकी निरंतर उत्कृष्टता और समर्पण को दर्शाता है.
मनु भाकर का यह दूसरा ओलंपिक
यह मनु भाकर का दूसरा ही ओलंपिक है. उन्होंने पिछले यानी टोक्यो ओलंपिक 2020 में डेब्यू किया था, लेकिन 10 मीटर एयर पिस्टल क्वालिफिकेशन राउंड के दौरान उनकी पिस्टल खराब हो गई थी. इस कारण वो पिछली बार मेडल नहीं जीत सकी थीं. मगर इस बार मनु ने अपना पूरा जोर दिखाया और किस्मत पर हावी होते हुए मेडल पर निशाना साध दिया. इसके अलावा मिक्स्ड टीम 10 मीटर पिस्टल और 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में भी वह पदक हासिल करने से चूक गई थी.
मनु भाकर के नाम एक और रिकॉर्ड
पेरिस ओलंपिक 2024 शूटिंग प्रतियोगिता में 22 साल की मनु भाकर महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल, 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम और महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं. वह 21 सदस्यीय भारतीय शूटिंग टीम से कई व्यक्तिगत स्पर्धाओं में हिस्सा लेने वाली एकमात्र एथलीट हैं. मनु ने 2023 एशियन शूटिंग चैम्पियनशिप में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में पांचवें स्थान पर रहने के बाद भारत के लिए पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा हासिल किया था.
मनु भाकर ISSF वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय हैं. वह गोल्ड कोस्ट 2018 में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कॉमनवेल्थ गेम्स की चैम्पियन भी हैं, जहां उन्होंने CWG रिकॉर्ड के साथ शीर्ष पदक जीता था. मनु भाकर ब्यूनस आयर्स 2018 में यूथ ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय निशानेबाज और देश की पहली महिला एथलीट भी हैं. उन्होंने पिछले साल एशियाई खेलों में महिलाओं की 25 मीटर टीम पिस्टल का खिताब जीता था.
शूटिंग में भारत के पदकवीर (ओलंपिक)
1. राज्यवर्धन सिंह राठौड़
रजत पदक: एथेंस (2004)
2. अभिनव बिंद्रा
स्वर्ण पदक, बीजिंग ओलंपिक (2008)
3. गगन नारंग
कांस्य पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
4. विजय कुमार
रजत पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
5. मनु भाकर
कांस्य पदक: पेरिस ओलंपिक (2024)
6.मनु भाकर- सरबजोत सिंंह
कांस्य पदक: पेरिस ओलंपिक (2024)
आंख की इंजरी के बाद बॉक्सिंग को छोड़ निशानेबाजी शुरू की
हरियाणा के झज्जर में जन्मीं मनु भाकर ने स्कूल के दिनों में टेनिस, स्केटिंग और मुक्केबाजी मुकाबलों में हिस्सा लिया. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली ‘थान टा’ नामक एक मार्शल आर्ट में भी भाग लिया. मुक्केबाजी के दौरान मनु के आंख पर चोट लग गई जिसके बाद उनका बॉक्सिंग में सफर खत्म गया. लेकिन मनु के अंदर खेलों को लेकर एक अलग जुनून था, जिसके चलते वह एक बेहतरीन निशानेबाज बनने में कामयाब रहीं.मनु ने 14 साल की उम्र में उन्होंने शूटिंग में अपना करियर बनाने का फैसला किया, उस वक्त रियो ओलंपिक 2016 खत्म ही हुआ था. इसके एक हफ्ते के अंदर ही उन्होंने अपने पिता से शूटिंग पिस्टल लाने को कहा. उनके हमेशा साथ देने वाले पिता राम किशन भाकर ने उन्हें एक बंदूक खरीदकर दी और वो एक ऐसा फैसला था जिसने एक दिन मनु भाकर को ओलंपियन बना दिया.
पेरिस
वाह!!! मनु भाकर, वाह!!! सरबजोत सिंह… दोनों की जोड़ी ने पेरिस ओलंपिक में इतिहास रच दिया. भारत के मनु भाकर और सरबजोत सिंह 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में ओह ये जिन और ली वोनहो की मिक्स्ड कोरियाई जोड़ी को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता. मनु भाकर एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गईं.
दरअसल, मनु भाकर स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई, जिन्होंने सरबजोत सिंह के साथ पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में कोरिया को हराकर इतिहास रच दिया. भारतीय जोड़ी ने कोरिया को 16-10 से हराकर देश को इस ओलंपिक में दूसरा पदक दिलाया. इससे पहले मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था.
ब्रिटिश मूल के भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन प्रिचार्ड ने 1900 ओलंपिक में 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीते थे लेकिन वह उपलब्धि आजादी से पहले की थी.
पेरिस ओलंपिक 2024 के चौथे दिन फैन्स की नजरें एक बार फिर मनु भाकर पर रहीं. वह 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम ब्रॉन्ज मेडल मैच में आज (30 जुलाई) भारत के सरबजोत सिंह संग खेलने उतरीं. इससे पहले मनु ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीता था, यह मेडल जीतने वाली पहली भारतीय निशानेबाज बन गईं. मनु ने फाइनल में कुल 221.7 अंक जुटाए थे, भारत का मौजूदा पेरिस ओलंपिक में यह पहला मेडल था. साथ ही ओलंपिक के इतिहास में भारत का यह शूटिंग में पांचवां मेडल रहा. लेकिन आज मनु ने एक और मेडल दिलाकर खुद तो दूसरा मेडल जीतकर इतिहास रचा ही. वहीं उन्होंने ओलंपिक शूटिंग में अब कुल मेडल की संख्या 6 कर दी.
मनु भाकर ने बनाया ये महारिकॉर्ड
मनु भाकर 30 जुलाई को ब्रॉन्ज मेडल जीतते ही इतिहास रच दिया. वह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं. इससे पहले कोई भी भारतीय खिलाड़ी एक ओलंपिक में दो मेडल नहीं जीत सका है. सुशील कुमार और पीवी सिंधु ने जरूर दो-दो पदक जीते हैं, लेकिन ये मेडल अलग-अलग ओलंपिक खेलों में आए.
मनु ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीता था, यह मेडल जीतने वाली पहली भारतीय निशानेबाज बन गईं. मनु ने फाइनल में कुल 221.7 अंक जुटाए थे, भारत का मौजूदा पेरिस ओलंपिक में यह पहला मेडल रहा. साथ ही ओलंपिक के इतिहास में भारत का यह शूटिंग में पांचवां मेडल रहा.मनु से पहले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (सिल्वर मेडल, एथेंस 2004), अभिनव बिंद्रा (गोल्ड मेडल, बीजिंग ओलंपिक 2008), गगन नारंग ( ब्रॉन्ज मेडल लंदन ओलंपिक 2012), विजय कुमार (सिल्वर मेडल पदक लंदन ओलंपिक (2012) ने शूटिंग में मेडल जीते थे.
पीएम मोदी ने दी मनु भाकर और सरबजोत को बधाई
पीएम मोदी ने मनुभाकर और सरबजोत को बधाई दी. उन्होंने एक्स पर लिखा- हमारे निशानेबाज हमें लगातार गौरवान्वित कर रहे हैं. ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में कांस्य पदक जीतने के लिए मनु भाकर और सरबजोत सिंह को बधाई. दोनों ने शानदार कौशल और टीम वर्क दिखाया है. भारत अविश्वसनीय रूप से प्रसन्न है.
मनु के लिए, यह उनका लगातार दूसरा ओलंपिक पदक है, जो उनकी निरंतर उत्कृष्टता और समर्पण को दर्शाता है.
मनु भाकर का यह दूसरा ओलंपिक
यह मनु भाकर का दूसरा ही ओलंपिक है. उन्होंने पिछले यानी टोक्यो ओलंपिक 2020 में डेब्यू किया था, लेकिन 10 मीटर एयर पिस्टल क्वालिफिकेशन राउंड के दौरान उनकी पिस्टल खराब हो गई थी. इस कारण वो पिछली बार मेडल नहीं जीत सकी थीं. मगर इस बार मनु ने अपना पूरा जोर दिखाया और किस्मत पर हावी होते हुए मेडल पर निशाना साध दिया. इसके अलावा मिक्स्ड टीम 10 मीटर पिस्टल और 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में भी वह पदक हासिल करने से चूक गई थी.
मनु भाकर के नाम एक और रिकॉर्ड
पेरिस ओलंपिक 2024 शूटिंग प्रतियोगिता में 22 साल की मनु भाकर महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल, 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम और महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं. वह 21 सदस्यीय भारतीय शूटिंग टीम से कई व्यक्तिगत स्पर्धाओं में हिस्सा लेने वाली एकमात्र एथलीट हैं. मनु ने 2023 एशियन शूटिंग चैम्पियनशिप में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में पांचवें स्थान पर रहने के बाद भारत के लिए पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा हासिल किया था.
मनु भाकर ISSF वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय हैं. वह गोल्ड कोस्ट 2018 में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कॉमनवेल्थ गेम्स की चैम्पियन भी हैं, जहां उन्होंने CWG रिकॉर्ड के साथ शीर्ष पदक जीता था. मनु भाकर ब्यूनस आयर्स 2018 में यूथ ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय निशानेबाज और देश की पहली महिला एथलीट भी हैं. उन्होंने पिछले साल एशियाई खेलों में महिलाओं की 25 मीटर टीम पिस्टल का खिताब जीता था.
शूटिंग में भारत के पदकवीर (ओलंपिक)
1. राज्यवर्धन सिंह राठौड़
रजत पदक: एथेंस (2004)
2. अभिनव बिंद्रा
स्वर्ण पदक, बीजिंग ओलंपिक (2008)
3. गगन नारंग
कांस्य पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
4. विजय कुमार
रजत पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
5. मनु भाकर
कांस्य पदक: पेरिस ओलंपिक (2024)
6.मनु भाकर- सरबजोत सिंंह
कांस्य पदक: पेरिस ओलंपिक (2024)
आंख की इंजरी के बाद बॉक्सिंग को छोड़ निशानेबाजी शुरू की
हरियाणा के झज्जर में जन्मीं मनु भाकर ने स्कूल के दिनों में टेनिस, स्केटिंग और मुक्केबाजी मुकाबलों में हिस्सा लिया. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली ‘थान टा’ नामक एक मार्शल आर्ट में भी भाग लिया. मुक्केबाजी के दौरान मनु के आंख पर चोट लग गई जिसके बाद उनका बॉक्सिंग में सफर खत्म गया. लेकिन मनु के अंदर खेलों को लेकर एक अलग जुनून था, जिसके चलते वह एक बेहतरीन निशानेबाज बनने में कामयाब रहीं.मनु ने 14 साल की उम्र में उन्होंने शूटिंग में अपना करियर बनाने का फैसला किया, उस वक्त रियो ओलंपिक 2016 खत्म ही हुआ था. इसके एक हफ्ते के अंदर ही उन्होंने अपने पिता से शूटिंग पिस्टल लाने को कहा. उनके हमेशा साथ देने वाले पिता राम किशन भाकर ने उन्हें एक बंदूक खरीदकर दी और वो एक ऐसा फैसला था जिसने एक दिन मनु भाकर को ओलंपियन बना दिया.