नई दिल्ली
फैशन डिजाइनर तरुण ताहिलियानी ने ओलंपिक में भारतीय दल के लिए बनाई गई यूनिफार्म का बचाव किया है। यूनिफार्म को लेकर लगातार तरूण को आलोचना का सामना करना पड़ रहा था। तरूण ने इसका बचाव करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को यूनिफार्म से जुड़े विवाद पर ध्यान नहीं देते हुए मेडल्स पर ध्यान देना चाहिए, जिससे वह देश के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडल्स जीत सकें। उन्होंने कहा कि कुछ उघोगपतियों ने उनके उस डिजाइन में रुचि भी दिखाई है, जिससे यह पता चलता है कि हर किसी को यह डिजाइन खराब नहीं लग रही है।
ताहिलियानी को उनके बेहतरीन काम के लिए जाना जाता है, वह इंडियन फैशन इंडस्ट्री में जाना पहचाना नाम है। तरुण के द्वारा बनाए गए ज्यादातर कपड़े बेहतरीन फैब्रिक के बने होते हैं। यह अपने बेहतरीन शिल्प कौशल के लिए भी जाने जाते हैं। तरूण के काम में हाई फैशन नजर आता है, जिसमें कल्चरल हैरिटेज का भी तड़का लगा होता है। यह सब खूबियां तरूण को भारतीय फैशन इंडस्ट्री का एक बड़ा व्यक्तित्व बनाती है।
ओलंपिक में भारतीय दल की यूनिफार्म का बचाव करते हुए तरूण ने कहा कि मैं उस यूनिफार्म के पक्ष में खड़ा हुआ हूं। महिला खिलाड़ियों को साड़ी पहनाने का निर्णय उन्होंने अंतिम समय में नहीं लिया था। बल्कि मेरा उद्देश्य एक ऐसी ड्रेस तैयार करना था, जो कि भारतीय झंडे के रंगों को प्रदर्शित करता हो। मैं इन यूनिफार्मों के खिलाफ हुई आलोचना का स्वागत करता हूं लेकिन मेरा मानना है कि लोगों की राय से ज्यादा मैं इस डिजाइन के पीछे के अपने भावों और इरादों को ज्यादा महत्व दूंगा। मुझे लगता है कि अब मेडल्स पर फोकस करना चाहिए।
ज्वाला गुट्टा ने जताया था विरोध
भारतीय दल की यूनिफार्म को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना शुरू हो गई थी। कई लोगों ने इसे बेकार और किसी नौसिखिए का काम बताना शुरू कर दिया था। भारतीय पुरुष खिलाडी सफेद कुर्ता,पजामा में थे और ऊपर से जैकेट डाले हुए थे, जिस पर भारतीय तिरंगे के जैसे तीन रंग थे। वहीं महिला खिलाड़ियों ने साड़ी पहनी थी।
पूर्व भारतीय खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा था कि साड़ी पहनने का फैसला एक दम गलत है, सभी खिलाड़ी उन्हें पहनने में सहज महसूस नहीं कर रही होंगी। गुट्टा ने इसके अलावा कपड़ों की फिटिंग और पूरी ड्रेस पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि इसे और बेहतर तरीके से बनाया जा सकता था।
नई दिल्ली
फैशन डिजाइनर तरुण ताहिलियानी ने ओलंपिक में भारतीय दल के लिए बनाई गई यूनिफार्म का बचाव किया है। यूनिफार्म को लेकर लगातार तरूण को आलोचना का सामना करना पड़ रहा था। तरूण ने इसका बचाव करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को यूनिफार्म से जुड़े विवाद पर ध्यान नहीं देते हुए मेडल्स पर ध्यान देना चाहिए, जिससे वह देश के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडल्स जीत सकें। उन्होंने कहा कि कुछ उघोगपतियों ने उनके उस डिजाइन में रुचि भी दिखाई है, जिससे यह पता चलता है कि हर किसी को यह डिजाइन खराब नहीं लग रही है।
ताहिलियानी को उनके बेहतरीन काम के लिए जाना जाता है, वह इंडियन फैशन इंडस्ट्री में जाना पहचाना नाम है। तरुण के द्वारा बनाए गए ज्यादातर कपड़े बेहतरीन फैब्रिक के बने होते हैं। यह अपने बेहतरीन शिल्प कौशल के लिए भी जाने जाते हैं। तरूण के काम में हाई फैशन नजर आता है, जिसमें कल्चरल हैरिटेज का भी तड़का लगा होता है। यह सब खूबियां तरूण को भारतीय फैशन इंडस्ट्री का एक बड़ा व्यक्तित्व बनाती है।
ओलंपिक में भारतीय दल की यूनिफार्म का बचाव करते हुए तरूण ने कहा कि मैं उस यूनिफार्म के पक्ष में खड़ा हुआ हूं। महिला खिलाड़ियों को साड़ी पहनाने का निर्णय उन्होंने अंतिम समय में नहीं लिया था। बल्कि मेरा उद्देश्य एक ऐसी ड्रेस तैयार करना था, जो कि भारतीय झंडे के रंगों को प्रदर्शित करता हो। मैं इन यूनिफार्मों के खिलाफ हुई आलोचना का स्वागत करता हूं लेकिन मेरा मानना है कि लोगों की राय से ज्यादा मैं इस डिजाइन के पीछे के अपने भावों और इरादों को ज्यादा महत्व दूंगा। मुझे लगता है कि अब मेडल्स पर फोकस करना चाहिए।
ज्वाला गुट्टा ने जताया था विरोध
भारतीय दल की यूनिफार्म को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना शुरू हो गई थी। कई लोगों ने इसे बेकार और किसी नौसिखिए का काम बताना शुरू कर दिया था। भारतीय पुरुष खिलाडी सफेद कुर्ता,पजामा में थे और ऊपर से जैकेट डाले हुए थे, जिस पर भारतीय तिरंगे के जैसे तीन रंग थे। वहीं महिला खिलाड़ियों ने साड़ी पहनी थी।
पूर्व भारतीय खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा था कि साड़ी पहनने का फैसला एक दम गलत है, सभी खिलाड़ी उन्हें पहनने में सहज महसूस नहीं कर रही होंगी। गुट्टा ने इसके अलावा कपड़ों की फिटिंग और पूरी ड्रेस पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि इसे और बेहतर तरीके से बनाया जा सकता था।