ग्वालियर
भारत के रहस्यमयी स्पिनर वरुण चक्रवर्ती का मानना है कि उन्होंने साइड स्पिन करने के बजाय गेंद को अधिक टर्न कराने के लिए ओवर स्पिन पर ध्यान दिया जिससे उन्हें राष्ट्रीय टीम में सफल वापसी करने में मदद मिली। इस 33 वर्षीय खिलाड़ी ने 2021 में टी20 विश्व कप में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी लेकिन उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा जिसके कारण वह टीम से बाहर हो गए। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ रविवार को यहां खेले गए मैच में तीन विकेट लेकर राष्ट्रीय टीम में सफल वापसी की।
भारत की सात विकेट की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले वरुण ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘मैं साइड स्पिन करने वाला गेंदबाज हुआ करता था, लेकिन अब मैं पूरी तरह सेओवर स्पिन करने वाला गेंदबाज बन गया हूं। ’’ उन्होंने कहा,‘‘यह स्पिन गेंदबाजी का एक सूक्ष्म तकनीकी पहलू है, लेकिन इसमें महारत हासिल करने में मुझे दो साल से अधिक का समय लगा। मैंने तमिलनाडु प्रीमियर लीग और आईपीएल में इस तरह से गेंदबाजी शुरू की। इसके लिए मुझे मानसिक पहलू पर भी काम करना पड़ा। इस तरह की गेंदबाजी करने का सबसे प्रमुख पहलू तकनीकी पक्ष होता है।’’
वरुण को पिछले दो सत्र में आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया जिसने उन्हें और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। अब जबकि टीम में उनकी वापसी हो गई है तो यह उन्हें पुनर्जन्म जैसा लग रहा है।
वरुण ने कहा,‘‘जब भी किसी टीम की घोषणा होती थी तो मुझे ऐसा लगता था मेरा नाम उसमें क्यों नहीं है। मैं उसके बारे में सोचता रहता था। इसने मुझे और अधिक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।’’ उन्होंने कहा,‘‘मैंने ठान ली थी कि मैं वापसी करने के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोडूंगा। इसलिए मैंने अधिक से अधिक घरेलू क्रिकेट में खेलने को प्राथमिकता दी और इससे मुझे मदद मिली।’’
ग्वालियर
भारत के रहस्यमयी स्पिनर वरुण चक्रवर्ती का मानना है कि उन्होंने साइड स्पिन करने के बजाय गेंद को अधिक टर्न कराने के लिए ओवर स्पिन पर ध्यान दिया जिससे उन्हें राष्ट्रीय टीम में सफल वापसी करने में मदद मिली। इस 33 वर्षीय खिलाड़ी ने 2021 में टी20 विश्व कप में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी लेकिन उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा जिसके कारण वह टीम से बाहर हो गए। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ रविवार को यहां खेले गए मैच में तीन विकेट लेकर राष्ट्रीय टीम में सफल वापसी की।
भारत की सात विकेट की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले वरुण ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘मैं साइड स्पिन करने वाला गेंदबाज हुआ करता था, लेकिन अब मैं पूरी तरह सेओवर स्पिन करने वाला गेंदबाज बन गया हूं। ’’ उन्होंने कहा,‘‘यह स्पिन गेंदबाजी का एक सूक्ष्म तकनीकी पहलू है, लेकिन इसमें महारत हासिल करने में मुझे दो साल से अधिक का समय लगा। मैंने तमिलनाडु प्रीमियर लीग और आईपीएल में इस तरह से गेंदबाजी शुरू की। इसके लिए मुझे मानसिक पहलू पर भी काम करना पड़ा। इस तरह की गेंदबाजी करने का सबसे प्रमुख पहलू तकनीकी पक्ष होता है।’’
वरुण को पिछले दो सत्र में आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया जिसने उन्हें और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। अब जबकि टीम में उनकी वापसी हो गई है तो यह उन्हें पुनर्जन्म जैसा लग रहा है।
वरुण ने कहा,‘‘जब भी किसी टीम की घोषणा होती थी तो मुझे ऐसा लगता था मेरा नाम उसमें क्यों नहीं है। मैं उसके बारे में सोचता रहता था। इसने मुझे और अधिक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।’’ उन्होंने कहा,‘‘मैंने ठान ली थी कि मैं वापसी करने के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोडूंगा। इसलिए मैंने अधिक से अधिक घरेलू क्रिकेट में खेलने को प्राथमिकता दी और इससे मुझे मदद मिली।’’