नई दिल्ली
ऑफ स्पिनर आर अश्विन का मानना है कि इम्पैक्ट प्लेयर का नियम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में एक रणनीतिक नियम है और यह खेल दिलचस्प बनाता है तथा नये खिलाड़ियों को अवसर देता है।
अश्विन ने यूट्यूब शो ‘चीकी चीका’ में बातचीत के दौरान कहा, “इम्पैक्ट प्लेयर का नियम उतना भी बुरा नहीं है इससे क्रिकेट में रणनीति जैसे तत्वों को अधिक बल मिलता है। हालांकि इसका एक पक्ष यह भी है कि यह नियम ऑलराउंडर्स को बढ़ावा नहीं देता है, लेकिन ऐसा करने से किसी को कोई रोक भी नहीं रहा है। यह पीढ़ी ही ऐसी है कि कोई भी बल्लेबाज, गेंदबाजी नहीं करना चाहता और इसका उल्टा भी। ऐसा भी नहीं है कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम से ऑलराउंडर्स प्रभावित हुए हैं। वेंकटेश अय्यर को ही देखिए वह काउंटी क्रिकेट में लैंकशायर के लिए कमाल कर रहे हैं। इम्पैक्ट प्लेयर नियम क्रिकेट में एक नए प्रयोग का अवसर प्रदान करता है।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “सनराइजर्स हैदराबाद शहबाज अहमद को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में लाये और वह तीन विकेट लेकर मैच विजेता साबित हुए। आईपीएल में जब ओस प्रभावी होती है और मैच लगभग एकतरफा हो जाता है, तो ऐसे समय में इम्पैक्ट प्लेयर जैसा नियम गेंदबाजी का एक और विकल्प तथा खेल को संतुलित कर देता है। जब आपके पास एक अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में विकल्प होता हैं तो मैच और करीबी हो जाता है।”
उन्होंने कहा कि इस नियम के कारण ही शहबाज अहमद, शिवम दुबे और ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी सामने आये और भारतीय टीम में जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि अगर यह नियम नहीं होता तो जुरेल जैसे खिलाड़ी को कभी मौका ही नहीं मिलता। इस नियम की वजह से ही नए खिलाड़ियों को जगह मिल रही है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष होने वाली बड़ी नीलामी को लेकर कहा, “अगर किसी फ्रैंचाइजी को लगता है कि कोई खिलाड़ी उनके शीर्ष चार या पांच में नहीं है कि उन्हें रिटेन किया जाए तो नीलामी के दौरान उनको यह अधिकार भी नहीं होता कि खिलाड़ी के खरीदे जाने के बाद वे अचानक से बीच में आ जाएं। यह विकल्प खिलाड़ियों को मिलना चाहिए कि क्या वह चाहते हैं कि राइट टू मैच का प्रयोग उन पर किया जाए या नहीं।”
नई दिल्ली
ऑफ स्पिनर आर अश्विन का मानना है कि इम्पैक्ट प्लेयर का नियम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में एक रणनीतिक नियम है और यह खेल दिलचस्प बनाता है तथा नये खिलाड़ियों को अवसर देता है।
अश्विन ने यूट्यूब शो ‘चीकी चीका’ में बातचीत के दौरान कहा, “इम्पैक्ट प्लेयर का नियम उतना भी बुरा नहीं है इससे क्रिकेट में रणनीति जैसे तत्वों को अधिक बल मिलता है। हालांकि इसका एक पक्ष यह भी है कि यह नियम ऑलराउंडर्स को बढ़ावा नहीं देता है, लेकिन ऐसा करने से किसी को कोई रोक भी नहीं रहा है। यह पीढ़ी ही ऐसी है कि कोई भी बल्लेबाज, गेंदबाजी नहीं करना चाहता और इसका उल्टा भी। ऐसा भी नहीं है कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम से ऑलराउंडर्स प्रभावित हुए हैं। वेंकटेश अय्यर को ही देखिए वह काउंटी क्रिकेट में लैंकशायर के लिए कमाल कर रहे हैं। इम्पैक्ट प्लेयर नियम क्रिकेट में एक नए प्रयोग का अवसर प्रदान करता है।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “सनराइजर्स हैदराबाद शहबाज अहमद को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में लाये और वह तीन विकेट लेकर मैच विजेता साबित हुए। आईपीएल में जब ओस प्रभावी होती है और मैच लगभग एकतरफा हो जाता है, तो ऐसे समय में इम्पैक्ट प्लेयर जैसा नियम गेंदबाजी का एक और विकल्प तथा खेल को संतुलित कर देता है। जब आपके पास एक अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में विकल्प होता हैं तो मैच और करीबी हो जाता है।”
उन्होंने कहा कि इस नियम के कारण ही शहबाज अहमद, शिवम दुबे और ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी सामने आये और भारतीय टीम में जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि अगर यह नियम नहीं होता तो जुरेल जैसे खिलाड़ी को कभी मौका ही नहीं मिलता। इस नियम की वजह से ही नए खिलाड़ियों को जगह मिल रही है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष होने वाली बड़ी नीलामी को लेकर कहा, “अगर किसी फ्रैंचाइजी को लगता है कि कोई खिलाड़ी उनके शीर्ष चार या पांच में नहीं है कि उन्हें रिटेन किया जाए तो नीलामी के दौरान उनको यह अधिकार भी नहीं होता कि खिलाड़ी के खरीदे जाने के बाद वे अचानक से बीच में आ जाएं। यह विकल्प खिलाड़ियों को मिलना चाहिए कि क्या वह चाहते हैं कि राइट टू मैच का प्रयोग उन पर किया जाए या नहीं।”