नई दिल्ली
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में धमाकेदार अंदाज में लगातार तीन मुकाबले जीतकर फाइनल तक का सफर तय कर लिया था। लेकिन उन्हें 50 किग्रा वर्ग के स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। विनेश ने अपना वजन कम करने के लिए सभी हथकंडे अपनाए लेकिन विफल रहीं। उन्होंने अगले ही दिन सोशल मीडिया पर अपने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती करियर को भी अलविदा कह दिया। हालांकि उनके पदक जीतने की आखिरी उम्मीद अभी कायम है। विनेश ने अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाए। जिसके लेकर सुनवाई होने वाली है। इस बीच भारत के दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने विनेश फोगाट के सपोर्ट में एक पोस्ट लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि विनेश फोगाट निश्चित तौर पर सिल्वर मेडल जीतने की हकदार है। उन्होंने नियमों को फिर से देखने का भी सुझाव दिया है।
सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ”अंपायर काल्स का समय! हर स्पोर्ट्स में नियम होते हैं और शायद कभी-कभी उन पर पुनर्विचार भी किया जाना चाहिए। विनेश फोगाट ने फाइनल के लिए सही तरीके से क्वालीफाई किया था। फाइनल से पहले वजन के आधार पर उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना और उनसे रजत पदक छीन लिया जाना तर्क और खेल भावना के खिलाफ है।”
सचिन तेंदुलकर ने कहा, “अगर किसी एथलीट को प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं के इस्तेमाल जैसे नैतिक उल्लंघनों के लिए अयोग्य ठहराया जाता तो यह समझ में आता। उस स्थिति में, कोई भी पदक न दिया जाना और अंतिम स्थान पर रखा जाना न्यायोचित होगा।” उन्होंने आगे कहा, “विनेश ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराकर शीर्ष दो में जगह बनाई। वह निश्चित रूप से रजत पदक की हकदार है। हम सभी खेल पंचाट न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमें उम्मीद करनी चाहिए और प्रार्थना करनी चाहिए कि विनेश को वह पहचान मिले जिसकी वह हकदार है।”
विनेश ने खेल पंचाट (कैस) में 50 किग्रा वर्ग के ओलंपिक फाइनल से पहले अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की है जिसमें उन्होंने संयुक्त रजत पदक देने की मांग की है। विनेश ने अयोग्य घोषित होने के बाद दिन का एक बड़ा हिस्सा खेल गांव के अंदर पॉलीक्लिनिक में बिताया, क्योंकि वजन कम करने के उपाय के कारण उनके शरीर में पानी की कमी हो गई। इन उपायों में भूखा रहना, तरल पदार्थों से परहेज करना और पसीना बहाने के लिए पूरी रात जागना शामिल था।
नई दिल्ली
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में धमाकेदार अंदाज में लगातार तीन मुकाबले जीतकर फाइनल तक का सफर तय कर लिया था। लेकिन उन्हें 50 किग्रा वर्ग के स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। विनेश ने अपना वजन कम करने के लिए सभी हथकंडे अपनाए लेकिन विफल रहीं। उन्होंने अगले ही दिन सोशल मीडिया पर अपने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती करियर को भी अलविदा कह दिया। हालांकि उनके पदक जीतने की आखिरी उम्मीद अभी कायम है। विनेश ने अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाए। जिसके लेकर सुनवाई होने वाली है। इस बीच भारत के दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने विनेश फोगाट के सपोर्ट में एक पोस्ट लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि विनेश फोगाट निश्चित तौर पर सिल्वर मेडल जीतने की हकदार है। उन्होंने नियमों को फिर से देखने का भी सुझाव दिया है।
सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ”अंपायर काल्स का समय! हर स्पोर्ट्स में नियम होते हैं और शायद कभी-कभी उन पर पुनर्विचार भी किया जाना चाहिए। विनेश फोगाट ने फाइनल के लिए सही तरीके से क्वालीफाई किया था। फाइनल से पहले वजन के आधार पर उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना और उनसे रजत पदक छीन लिया जाना तर्क और खेल भावना के खिलाफ है।”
सचिन तेंदुलकर ने कहा, “अगर किसी एथलीट को प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं के इस्तेमाल जैसे नैतिक उल्लंघनों के लिए अयोग्य ठहराया जाता तो यह समझ में आता। उस स्थिति में, कोई भी पदक न दिया जाना और अंतिम स्थान पर रखा जाना न्यायोचित होगा।” उन्होंने आगे कहा, “विनेश ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराकर शीर्ष दो में जगह बनाई। वह निश्चित रूप से रजत पदक की हकदार है। हम सभी खेल पंचाट न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमें उम्मीद करनी चाहिए और प्रार्थना करनी चाहिए कि विनेश को वह पहचान मिले जिसकी वह हकदार है।”
विनेश ने खेल पंचाट (कैस) में 50 किग्रा वर्ग के ओलंपिक फाइनल से पहले अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की है जिसमें उन्होंने संयुक्त रजत पदक देने की मांग की है। विनेश ने अयोग्य घोषित होने के बाद दिन का एक बड़ा हिस्सा खेल गांव के अंदर पॉलीक्लिनिक में बिताया, क्योंकि वजन कम करने के उपाय के कारण उनके शरीर में पानी की कमी हो गई। इन उपायों में भूखा रहना, तरल पदार्थों से परहेज करना और पसीना बहाने के लिए पूरी रात जागना शामिल था।