नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा विधायक दल के नेता विजेंद्र गुप्ता के सामने एक चैलेंज पेश की। आतिशी ने कहा कि अगर ऐसा हो जाता है तो वह पार्टी से कहेंगी कि रोहिणी से वह कैंडिडेट न उतारे। आतिशी ने तो यहां तक कहा कि वह गुप्ता के लिए प्रचार भी करेंगी।
दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन बस मार्शलों के मुद्दे पर चर्चा हुई। चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि विजेंद्र गुप्ता जी बार-बार कहते हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कहने पर बस मार्शलों को हटाया गया। आतिशी ने कहा, मैं भी मुख्यमंत्री हूं। मैं बार-बार एलजी साहब से कह चुकी हूं कि बस मार्शलों को वापस लगा लें। अगर वो मुख्यमंत्री की हर बात मानते हैं तो मेरी भी गुजारिश है कि वे बस मार्शलों को तुरंत प्रभाव से वापस लगा लें।
मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा विधायक दल के नेता विजेंद्र गुप्ता को चैलेंज देते हुए कहा कि आप एलजी साहब से बस मार्शलों की नियुक्ति पर साइन करा लीजिए, मैं अपने पार्टी को मना लूंगी कि वह आपके खिलाफ रोहिणी से कोई कैंडिडेट खड़ा नहीं करे। यहां तक कि मैं आपके लिए वहां प्रचार करूंगी। आतिशी ने कहा कि हमारे लिए एक सीट मायने नहीं रखती। हमारे लिए बस मार्शलों की नियुक्ति मायने रखती है। दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा मायने रखती है। आतिशी ने कहा कि 13 नवंबर को दिल्ली सरकार के कैबिनेट द्वारा बस मार्शलों की नियुक्ति का जो प्रस्ताव भेजा गया है, एलजी साहब उसे पास कर दें और तुरंत प्रभाव से उन्हें नियुक्त कर दें।
इससे पहले आतिशी ने कहा कि मैंने भी दिल्ली से पढ़ाई की है। कोई भी महिला जब डीटीसी बस से कॉलेज या नौकरी के लिए जाती हैं, तो बस के अंदर इनके साथ किस प्रकार दुर्व्यवहार होता है, मैं भलीभांति जानती हूं। नेता तो अपने काफिले में जाते हैं, उन्हें क्या पता इन लड़कियों का दर्द। दिल्ली की लड़कियां और महिलाओं का भाग्य उस दिन बदला जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने। अरविंद केजरीवाल पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने दिल्ली की लड़कियों और महिलाओं का दर्द समझा।