नई दिल�ली
पाकिस�तान में अल�पसंख�यकों और खासकर हिंदू सम�दाय के साथ कैसा बर�ताव होता है, इसकी बानगी अक�सर देखने को मिल जाती है। लेकिन पाकिस�तान में पहली बार �क हिंदू को प�लिस अधिकारी बनाया गया है। पाकिस�तान के सिंध प�रांत के बेहद पिछड़े जिले बदीन से ताल�ल�क रखने वाले राजेंद�र मेघवार ने अपनी मेहनत के दम पर सिविल सेवा परीक�षा (CCS) पास की। अब उन�हें पाकिस�तान की प�लिस सर�विस (PSP) में अधिकारी बनाया गया है।
ग�लबर�ग में ह�ई तैनाती
राजेंदà¥�र की तैनाती फैसलाबाद के गà¥�लबरà¥�ग à¤�रिया में बतौर à¤�à¤�सपी (असिसà¥�टेंड पà¥�लिस अधीकà¥�षक) की गई है। राजेंदà¥�र मेघवार पाकिसà¥�तान के पहले हिंदू पà¥�लिस अधिकारी बने हैं।पाकिसà¥�तान की नà¥�यूज वेबसाइट ‘पाकिसà¥�तान टà¥�डे’ से बात करते हà¥�à¤� राजेंदà¥�र ने कहा, ‘पà¥�लिस में रहते हà¥�à¤� हमें जनता की समसà¥�याओं से सीधे सरोकार करने का मौका मिलता है, जो अनà¥�य विà¤à¤¾à¤—ों में नहीं हो सकता।’ राजेंदà¥�र मेघवार मानते हैं कि पà¥�लिस विà¤à¤¾à¤— में रहते हà¥�à¤� वह पाकिसà¥�तान के हिंदू समà¥�दाय के लिà¤� बेहतर काम कर सकेंगे। मेघवार के साथ ही रूपमति नाम की à¤�क हिंदू महिला ने सिविल सरà¥�विस की परीकà¥�षा पास की है। हालांकि उनकी नियà¥�कà¥�ति विदेश विà¤à¤¾à¤— में होगी।
पाकिस�तान में केवल 2 फीसदी हिंदू
आपको बता दें कि पाकिस�तान �क इस�लामिक गणराज�य है। यह द�निया का पांचवां सबसे ज�यादा आबादी वाला देश है। 2023 की जनगणना के म�ताबिक, पाकिस�तान की 24 करोड़ की आबादी में केवल 2 फीसदी ही हिंदू हैं।
हिंदू बह�ल प�रांत है सिंध
पाकिसà¥�तान के सिंध पà¥�रांत में ही जà¥�यादा हिंदू आबादी निवास करती है। पाकिसà¥�तान में इसà¥�लाम के अतिवाद के बावजूद सिंध पà¥�रांत में हिंदू परंपराà¤�ं आज à¤à¥€ जीवित हैं। पाकिसà¥�तान के राषà¥�टà¥�रीय और पà¥�रांतीय असेंबलियों में अलà¥�पसंखà¥�यकों के लिà¤� सीटें रिजरà¥�व रखी जाती हैं। आपको बता दें कि फैसलाबाद पाकिसà¥�तान का वही हिसà¥�सा है, जहां 2023 में कà¥�रान के कथित अपमान की घटना सामने आई थी। इसके बाद जरांवाला तहसील में ईसाई समà¥�दाय पर हमला कर दिया गया था। 2016 में सिंध पà¥�रांत में जबरन धरà¥�मांतरण को रोकने के लिà¤� à¤�क कानून बनाया गया था। लेकिन कटà¥�टरपंथियों के विरोध के कारण यह अब तक लंबित है।
पाकिस�तान की नेशनल असेंबली में 10 सीटें गैर म�स�लिम अल�पसंख�यकों के लि� आरक�षित हैं। लंबे समय से अल�पसंख�यक समाज इन सीटों को बढ़ाने की मांग कर रहा है। 2009 में पाकिस�तान की सरकार ने 11 अगस�त को अल�पसंख�यक दिवस के रूप में घोषित किया था।