बीजिंग
करीब तीन दशक तक गà¥�लोबल इकॉनमी का इंजन रहे चीन की हवा अब निकलने लगी है। दà¥�निया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी वाले इस देश की अरà¥�थवà¥�यवसà¥�था इस समय कई मोरà¥�चों पर संघरà¥�ष कर रही है। देश को इस सà¥�थिति से उबारने के लिà¤� चीन की सरकार ने हाल में à¤à¤¾à¤°à¥€-à¤à¤°à¤•à¤® सà¥�टीमà¥�यà¥�लस पैकेज जारी किया था लेकिन उसका बहà¥�त असर होते नहीं दिख रहा है। चीन में 10 साल की मैजà¥�योरिटी वाले सरकारी बॉनà¥�ड का यीलà¥�ड 2% के नीचे आ गया है। चीन के इतिहास में पहली बार à¤�सा हà¥�आ है। पिछले चार साल में इसमें 130 बेसिस पॉइंटà¥�स की गिरावट आई है।
चीन की इकॉनमी कई दशकों में सबसे बड़े सà¥�लोडाउन से गà¥�जर रही है। देश में मकानों की कीमत अपने पीक से 80 फीसदी गिर चà¥�की हैं। रियल à¤�सà¥�टेट संकट की शà¥�रà¥�आत 2021 में हà¥�ई थी और इसने दूसरे सेकà¥�टरà¥�स को à¤à¥€ अपनी चपेट में लेना शà¥�रू कर दिया है। चीन की जीडीपी में रियल à¤�सà¥�टेट सेकà¥�टर की हिसà¥�सेदारी करीब à¤�क तिहाई है। इस सेकà¥�टर के डूबने के कारण अब बैंकों के à¤à¥€ डूबने का खतरा पैदा हो गया है। देश में उपà¤à¥‹à¤•à¥�ता मांग जोर नहीं पकड़ पा रही है और लोग खरà¥�च करने के बजाय पैसे जमा करने में लगे हैं।
पांच तिमाहियों से डिफ�लेशन
पिछली पांच तिमाहियों से चीन में डिफ�लेशन की स�थिति बनी है जो 1990 के दशक के बाद इसका सबसे लंबा असर है। वस�त�ओं और सेवाओं की कीमतों में गिरावट को डिफ�लेशन कहते हैं। यह महंगाई यानी इनफ�लेशन से उल�टी स�थिति है। आमतौर पर इकॉनमी में फंड की सप�लाई और क�रेडिट में गिरावट के कारण �सी स�थिति पैदा होती है। चीन में लोग खर�च करने के बचाय पैसा बचाने में लगे हैं। यही वजह है कि चीन की इकॉनमी में जापान की तरह ठहराव आने की आशंका जताई जा रही है।
इस बीच अमेरिका में हाल में हà¥�à¤� राषà¥�टà¥�रपति चà¥�नावों में डोनालà¥�ड टà¥�रंप की जीत से चीन के साथ तनाव और बढ़ने की आशंका है। टà¥�रंप पहले ही चीनी सामान पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा कर चà¥�के हैं। साथ ही उनà¥�होंने बà¥�रिकà¥�स देशों पर à¤à¥€ 100 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही है। अगर वह अपनी बात पर अमल करते हैं तो इससे चीन और अमेरिका के बीच चल रहा टà¥�रेड वॉर अगले दौर में पहà¥�ंच सकता है। दà¥�निया की दो सबसे बड़ी इकॉनमीज के बीच तनाव बढ़ने से दà¥�नियाà¤à¤° के देश पà¥�रà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हो सकते हैं।