बाइडेन प�रशासन ने रूस के खिलाफ यूक�रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग को मंजूरी दी
न�यूयॉर�क
अमेरिका के राष�ट�रपति जो बाइडेन ने जाते-जाते यूक�रेन को लेकर बड़ा �लान कर दिया है। उन�होंने रूस में अंदर तक मार करने के लि� अमेरिका द�वारा सप�लाई की जाने वाली लॉन�ग रेंज मिसाइलों के इस�तेमाल को मंजूरी दे दी है। अमेरिकी अधइकारियों का कहना है कि य�द�ध को और उल�ाने से बचाने के लि� अमेरिका ने यह कदम उठाया है।
बता दें कि उतà¥�तर कोरिया ने रूस की तरफ से यà¥�दà¥�ध करने के लिà¤� अपने हाजरों सैनिक à¤à¥‡à¤œ दिà¤� हैं। इसके अलावा उतà¥�तर कोरिया हथियार à¤à¥‡à¤œà¤•र à¤à¥€ रूस की मदद करने में लगा है। इसको लेकर यूकà¥�रेन कई बार आपतà¥�ति जता चà¥�का है। वहीं बताया जा रहा है कि जो बाइडेन पà¥�रशासन ने उतà¥�तर कोरिया के दखल को देखते हà¥�à¤� ही यह फैसला किया है। वहीं नवनिरà¥�वाचित राषà¥�टà¥�रपति डोनालà¥�ड टà¥�रंप ने कहा था कि वह राषà¥�टà¥�रपति बनने के बाद रूस और यूकà¥�रेन के बीच यà¥�दà¥�ध को खतà¥�म करवा देंगे।
अमेरिका से मंजूरी के बाद अब यूक�रेन आर�मी टैक�टिकल मिसाइल सिस�टम का इस�तेमाल रूस के खिलाफ कर पा�गा। यूक�रेन के राष�ट�रपति वोलोदिमिर जेलेंस�की और उनके पश�चिमी देशों के सहयोगी कई महीने से जो बाइडेन प�रशासन पर दबाव डाल रहे थे कि लॉन�ग रेंज मिसाइलों के इस�तेमाल की इजाजत दे दी जा� ताकि रूस में अंदर तक प�रहार किया जा सके। कहा जा रहा था कि अमेरिका के प�रतिबंध की वजह से ही यूक�रेन अपने शहरों और इलेक�ट�रिकल ग�रिड को रूसी हमले से बचा नहीं पा रहा था।
यह à¤à¥€ खबर है कि इस मंजूरी से NATO के सà¤à¥€ देश सहमत नहीं हैं। यह à¤à¥€ दबाव है कि अमेरिका और नाटो सदसà¥�य इस यà¥�दà¥�ध में सीधे तौर पर शामिल ना हों। लेकिन उतà¥�तर कोरिया ने यà¥�दà¥�ध को बढ़ाने का पूरा पà¥�लान तैयार कर लिया है। वहीं डोनालà¥�ड टà¥�रंप ने संकेत यह दिया था कि वह यूकà¥�रेन को कà¥�छ जमीन छोड़ने के लिà¤� राजी करेंगे और इसके बाद यà¥�दà¥�ध को खतà¥�म करने का दबाव बनाà¤�ंगे। जानकारी के मà¥�ताबिक उतà¥�तर कोरिया से 12 हजार सैनिक रूस पहà¥�ंचे हैं। इसके अलावा उतà¥�तर कोरिया ने रूस को घातक हथियार à¤à¥€ दिà¤� हैं।
डोनाल�ड ट�रंप यूक�रेन की मदद को लेकर बाइडेन प�रशासन की आलोचना करते रहे हैं। �से में डोनाल�ड ट�रंप की जीत के बाद यूक�रेन चिंतित है। उन�हें लगता है कि डोनाल�ड ट�रंप के आने से ब�लादिमीर प�तिन को फायदा होगा और यू�क�रेन पर शर�त मनवाने का दबाव बनाया जा�गा। इस य�द�ध में अमेरिका ही यूक�रेन के सबसे महत�वपूर�ण सहयोगी था। अमेरिका यूक�रेन को 56 अरब डॉलर से ज�यादा की मदद दे च�का है।