मध्यप्रदेश

शरद पवार को लग सकता है �क ओर �टका, अजित पवार के साथ जा सकते हैं करीबी

म�ंबई.
महाराष�ट�र विधानसभा च�नाव में महज 10 सीटें हासिल करने वाली शरद पवार की पार�टी �नसीपी-�सपी को �क और करारा �टका लग सकता है। खबर है कि शरद पवार के करीबी नेता राह�ल जगताप अब अजित पवार की �नसीपी में शामिल हो सकते हैं। �नसीपी में ग�टबाजी के बीच राह�ल जगताप ने शरद पवार की पार�टी में ही शामिल रहना सही सम�ा था। उन�होंने विधानसभा च�नाव में श�रीगोंदा विधानसभा सीट से च�नाव लड़ने के लि� दावेदारी की थी, लेकिन महाविकास अघाड़ी के सम�ौते में यह सीट उद�धव ठाकरे ग�ट की शिवसेना को मिल गई थी। इस पर जगताप ने बगावत कर दी थी।

उनका कहना था कि उम�मीदवार का फैसला श�रीगोंदा में होना चाहि�। इसका निर�णय म�ंबई से होना गलत है। इसके बाद वह निर�दलीय ही उतरे थे और यहां म�काबला त�रिकोणीय हो गया था। इसके चलते भाजपा कैंडिडेट को जीत मिली और राह�ल जगताप निर�दलीय ही दूसरे नंबर पर आ� थे। इससे सम�ा जा सकता है कि राह�ल जगताप का अपने इलाके में निजी तौर पर ही कितना जनाधार है। अब खबर है कि वह अजित पवार के साथ ही जाने की तैयारी में हैं। राह�ल जगताप को शरद पवार के करीबी नेताओं में श�मार किया जाता रहा है। �से में च�नाव में बागी होकर लड़ना और अब अजित पवार के खेमे में जाना मराठा छत�रप के लि� करारा �टका है।

बता दें कि च�नाव नतीजों ने शरद पवार की पार�टी को बड़ा �टका दिया है। महज 10 सीटों पर शरद पवार के कैंडिडेट जीते हैं, जबकि महाविकास अघाड़ी की क�ल सीटें भी 50 से कम ही हैं। वहीं अजित पवार की �नसीपी को अकेले ही 41 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा ने तो 90 फीसदी के स�ट�राइक रेट के साथ 148 सीटों पर च�नाव लड़कर 132 पर जीत पाई है। इस लिहाज से देखें तो महाराष�ट�र च�नाव की सबसे बड़ी लूजर �नसीपी-शरद पवार ही रही है। इतनी कम सीटें महाराष�ट�र च�नाव के इतिहास में शरद पवार की पार�टी को कभी नहीं मिली हैं।

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