शिवसेना यूबीटी निकाय चà¥�नाव तक à¤�मवीà¤� के साथ ही रहेगी !कà¥�या फिर à¤à¤—दड़ मचेगी
म�ंबई
 शिवसेना (यूबीटी) महाविकास अघाड़ी से बाहर नहीं जाà¤�गी। पारà¥�टी के सांसद संजय राउत ने इस बयान से यूबीटी के कई नेता नाराज हैं। विधानसà¤à¤¾ चà¥�नाव में करारी हार के बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने उदà¥�धव ठाकरे से महाविकास अघाड़ी से निकलने की मांग की थी। उनà¥�होंने कहा था कि बीà¤�मसी समेत निकाय चà¥�नाव यूबीटी को अकेले लड़ना चाहिà¤�। अब इस मà¥�दà¥�दे पर उदà¥�धव ठाकरे की पारà¥�टी में मतà¤à¥‡à¤¦ सामने आ गà¤� हैं। संजय राउत ने कहा कि विधानसà¤à¤¾ की हार की समीकà¥�षा अघाड़ी की तीनों पारà¥�टियां मिलकर करेंगी। उनà¥�होंने कहा कि निकाय चà¥�नाव से जà¥�ड़े फैसले बाद में लिà¤� जाà¤�ंगे। पारà¥�टी के कई नेताओं का कहना है कि अकेले चà¥�नाव लड़ने से उदà¥�धव ठाकरे राजनीति में अलग-थलग पड़ सकते हैं। à¤�से में नया चà¥�नावी पà¥�रयोग करना जोखिम à¤à¤°à¤¾ हो सकता है।
अंबादास दानवे ने की थी �मवी� से �ग�जिट करने की बात
विधानसà¤à¤¾ चà¥�नाव में शिवसेना (यूबीटी) को सिरà¥�फ 20 सीटें मिलीं। मà¥�ंबई में à¤à¥€ पारà¥�टी को तगड़ा नà¥�कसान हà¥�आ। इस हार पर उदà¥�धव ठाकरे तो चà¥�प रहे, मगर उनकी पारà¥�टी के कई नेताओं ने कांगà¥�रेस को जिमà¥�मेदार ठहराया। à¤�मà¤�लसी अंबादास दानवे ने बताया कि जीत की उमà¥�मीद में कांगà¥�रेस नेताओं ने पà¥�रचार में कोताही की। वह मंतà¥�री बनने के लिà¤� सूट-बूट सिलाने में वà¥�यसà¥�त रहे। रणनीतिक तौर पर सीà¤�म कैंडिडेट घोषित नहीं कर कांगà¥�रेस ने अघाड़ी का नà¥�कसान किया। उनà¥�होंने कहा कि अब निकाय चà¥�नाव में पारà¥�टी को à¤�मवीà¤� से अलग चà¥�नाव लड़ना चाहिà¤�। राजà¥�य की सà¤à¥€ 288 सीटों पर खड़ा करने की जरूरत है। उनके इस बयान के बाद संजय राउत ने सिरे से इस सलाह को खारिज कर दिया। माना जा रहा है कि उदà¥�धव ठाकरे अà¤à¥€ जलà¥�दीबाजी में नहीं हैं बलà¥�कि वह निकाय चà¥�नाव का इंतजार कर रहे हैं।
अघाड़ी से बाहर निकले तो नहीं मिलेगा दलित-म�स�लिम वोट
उदà¥�धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी के साथ लोकसà¤à¤¾ चà¥�नाव à¤à¥€ लड़े थे और उनà¥�हें 9 सीटों पर जीत मिली थी। पारà¥�टी में बंटवारे के बाद यह जीत बड़ी थी। अघाड़ी के साथ होने के कारण उसे परंपरागत मराठा वोटरों के अलावा दलित और मà¥�सलमानों का वोट मिला था। विधानसà¤à¤¾ चà¥�नाव में à¤à¥€ मà¥�सà¥�लिम वोटरों ने खà¥�लकर शिवसेना को वोट किया। फरवरी में मà¥�ंबई समेत राजà¥�य की 14 मà¥�यूनिसिपल कॉरपोरेशन के चà¥�नाव होने हैं। अगले तीन महीनों में राजनीति हालात बदल सकते हैं और महायà¥�ति की लहर à¤à¥€ सà¥�सà¥�त पड़ सकती है। अगर यूबीटी अघाड़ी से अलग होगी तो पिछले दो चà¥�नाव में वोट देने वाले समरà¥�थकों के बीच गलत मैसेज जा सकता है। गठबंधन से बाहर निकलने का à¤�क मायने और निकल सकता है कि उदà¥�धव ठाकरे à¤�क बार फिर हारà¥�ड हिंदà¥�तà¥�व की राह पर चल पड़े हैं।
सिर�फ उद�धव सेना नहीं हारी, अघाड़ी में सब हारे हैं
à¤�क नेता ने बताया कि अघाड़ी में जीता कोई नहीं है, मगर हारे सब हैं। विधानसà¤à¤¾ चà¥�नाव में न सिरà¥�फ उदà¥�धव सेना बलà¥�कि पूरी महाविकास अघाड़ी को नà¥�कसान हà¥�आ है। शिवसेना यूबीटी सबसे जà¥�यादा 20 सीटें जीतने में सफल रही है, मगर कांगà¥�रेस 16 और शरद पवार की à¤�नसीपी 10 सीटों पर सिमटी है। निकाय चà¥�नाव में जब सीटों के बंटवारे पर बात होगी, तब उदà¥�धव सेना की पोजिशन मजबूत रहेगी। अघाड़ी से बाहर निकलते ही उदà¥�धव की शिवसेना के वोट और कम हो जाà¤�ंगे। जहां तक बीà¤�मसी चà¥�नाव का सवाल है, उदà¥�धव सेना का परफॉरà¥�मेंस कांगà¥�रेस और à¤�नसीपी से बेहतर रहा है। à¤�कà¥�सपरà¥�ट मानते हैं कि उदà¥�धव की नजर सिरà¥�फ निकाय चà¥�नाव पर नहीं है, बलà¥�कि वह विधानसà¤à¤¾ में विपकà¥�ष की हैसियत को अपने पास रखना चाहते हैं।