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व्यापार

मेटा ने कहा, अपनी कुछ सुविधाओं को रोल बैक या रोक सकते 

नई दिल्ली । मेटा को भारत में एंटीट्रस्ट निर्देश के चलाते अपनी कुछ सुविधाओं को रोल बैक या रोकने की नौबत आ सकती है। इस निर्देश के तहत मेटा की व्हाट्सएप मैसेजिंग सेवा को उपयोगकर्ता डेटा को मेटा के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए साझा करने से रोका गया है। यह जानकारी मेटा के अदालत में दायर किए गए दस्तावेज में दी है। मेटा ने भारत की प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के नवंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी है, इसमें कहा गया था कि कंपनी ने अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग कर 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी के माध्यम से व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं को अधिक डेटा संग्रह और साझाकरण के लिए मजबूर किया। इस आदेश के तहत सीसीआई ने मेटा पर 24.5 मिलियन डॉलर का जुर्माना और डेटा साझाकरण पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया। मेटा का कहना है कि इस प्रतिबंध से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत विज्ञापन दिखाने की उनकी क्षमता सीमित होगी। मेटा के मुताबिक, डेटा साझाकरण के बिना भारतीय उपयोगकर्ता के लिए व्यक्तिगत विज्ञापन उपलब्ध कराना मुश्किल होगा। मेटा ने कहा कि यह प्रतिबंध उसके व्यवसाय के लिए आर्थिक रूप से नुकसानदायक होगा है। भारत, जहां फेसबुक के 350 मिलियन उपयोगकर्ता और व्हाट्सएप के 500 मिलियन उपयोगकर्ता हैं, मेटा का सबसे बड़ा बाजार है।
सीसीआई ने व्हाट्सएप को आदेश दिया है कि वे उपयोगकर्ताओं को विकल्प दे कि वे अपना डेटा मेटा के साथ साझा करना चाहते हैं या नहीं। व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के कारण उपयोगकर्ताओं के पास सेवा खोने का जोखिम था यदि वे डेटा साझा करने की शर्तों को स्वीकार नहीं करते। मेटा को भारतीय एंटीट्रस्ट मामले के अलावा वैश्विक स्तर पर भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मेटा ने तर्क दिया कि सीसीआई को यह निर्णय लेने से पहले मेटा और व्हाट्सएप से सलाह लेनी चाहिए थी। मामले की सुनवाई इस सप्ताह गुरुवार को भारतीय अपीलीय न्यायाधिकरण में शुरू होगी लेकिन यह प्रक्रिया महीनों तक चल सकती है।

नई दिल्ली । मेटा को भारत में एंटीट्रस्ट निर्देश के चलाते अपनी कुछ सुविधाओं को रोल बैक या रोकने की नौबत आ सकती है। इस निर्देश के तहत मेटा की व्हाट्सएप मैसेजिंग सेवा को उपयोगकर्ता डेटा को मेटा के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए साझा करने से रोका गया है। यह जानकारी मेटा के अदालत में दायर किए गए दस्तावेज में दी है। मेटा ने भारत की प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के नवंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी है, इसमें कहा गया था कि कंपनी ने अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग कर 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी के माध्यम से व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं को अधिक डेटा संग्रह और साझाकरण के लिए मजबूर किया। इस आदेश के तहत सीसीआई ने मेटा पर 24.5 मिलियन डॉलर का जुर्माना और डेटा साझाकरण पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया। मेटा का कहना है कि इस प्रतिबंध से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत विज्ञापन दिखाने की उनकी क्षमता सीमित होगी। मेटा के मुताबिक, डेटा साझाकरण के बिना भारतीय उपयोगकर्ता के लिए व्यक्तिगत विज्ञापन उपलब्ध कराना मुश्किल होगा। मेटा ने कहा कि यह प्रतिबंध उसके व्यवसाय के लिए आर्थिक रूप से नुकसानदायक होगा है। भारत, जहां फेसबुक के 350 मिलियन उपयोगकर्ता और व्हाट्सएप के 500 मिलियन उपयोगकर्ता हैं, मेटा का सबसे बड़ा बाजार है।
सीसीआई ने व्हाट्सएप को आदेश दिया है कि वे उपयोगकर्ताओं को विकल्प दे कि वे अपना डेटा मेटा के साथ साझा करना चाहते हैं या नहीं। व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के कारण उपयोगकर्ताओं के पास सेवा खोने का जोखिम था यदि वे डेटा साझा करने की शर्तों को स्वीकार नहीं करते। मेटा को भारतीय एंटीट्रस्ट मामले के अलावा वैश्विक स्तर पर भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मेटा ने तर्क दिया कि सीसीआई को यह निर्णय लेने से पहले मेटा और व्हाट्सएप से सलाह लेनी चाहिए थी। मामले की सुनवाई इस सप्ताह गुरुवार को भारतीय अपीलीय न्यायाधिकरण में शुरू होगी लेकिन यह प्रक्रिया महीनों तक चल सकती है।

 

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