
शिवपुरी
मध्यप्रदेश में जहां प्रमुख शहरों को मेट्रोपोलिटिन सिटी के रूप में डेवलप किया जा रहा है वहीं छोटे और मझौले शहरों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। यहां तक कि प्रदेश की कई पंचायतों को भी अपग्रेड किया जा रहा है। 15 पंचायतों का नक्शा तो जल्द ही बदल जाएगा। यहां के गांव पंचायतों से निकलकर नगर निगम में आ जाएंगे। इन्हें शिवपुरी नगर निगम में शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। अधिकारियों के अनुसार जिला मुख्यालय की नगर पालिका से नगर निगम बनने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जल्द ही कैबिनेट से पास होते ही सभी 15 पंचायतों के साथ शिवपुरी शहर को भी बड़ी सौगात मिलेगी।
शिवपुरी जिला मुख्यालय को आगामी कुछ महीनों में ही यह बड़ी सौगात मिलने वाली है। शिवपुरी नपा को नगर निगम बनाने के लिए दो बार निरस्त होने के बाद कलेक्टर रविन्द्र चौधरी के माध्यम से संशोधित प्रस्ताव भोपाल स्थित नगरीय निकाय विभाग को भेज दिया गया है। तीसरी बार भेजे प्रस्ताव में 15 पंचायतों को जोड़ा गया है।
नपा और जिला प्रशासन के अधिकारी बताते हैं कि प्रस्ताव को जल्द ही नगरीय निकाय विभाग से कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के साथ ही शिवपुरी नगर निगम बन जाएगा।
तीन साल पूर्व प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिवपुरी नगर पालिका को नगर निगम बनाने की घोषणा की थी, लेकिन इसपर अभी तक अमल नहीं हो पाया। प्रशासनिक उदासीनता के फेर में इसके लिए प्रस्ताव बनाने में देरी हुई व कुछ कमियां भी रहीं।
आबादी व क्षेत्रफल के हिसाब से शिवपुरी नगर पालिका को बहुत पहले ही नगर निगम का दर्जा मिल जाना चाहिए था। तत्कालीन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद यहां के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने नगर निगम बनाने के ठोस प्रयास शुरू किए।
शुरुआती दो प्रस्तावों में कुछ ग्राम पंचायतों की सहमति न होने व दूरी अधिक होने के कारण प्रस्ताव भोपाल स्तर से निरस्त हो गए। इसके बाद नगर पालिका ने फिर इस प्रक्रिया को शुरू किया। जिन ग्राम पंचायतों की दूरी अधिक थी, उनको इस प्रस्ताव से हटाया तथा कुछ और बिंदुओं पर संशोधन किया। जो नया प्रस्ताव तैयार किया गया है, उनमें सभी 15 ग्राम पंचायतों के अलावा हर शासकीय विभाग से सहमति पत्र लिया गया है।
नगर निगम प्रस्ताव में झांसी रोड के वन ग्रामों को हटाया
वर्तमान में नगर पालिका में 39 वार्ड हैं। नगर निगम बनते ही वार्डो की संख्या 50 से 50 के बीच हो जाएगी। इतना ही नहीं अभी नगर पालिका अध्यक्ष व सीएमओ का पद है लेकिन नगर निगम बनते ही जनप्रतिनिधि के रूप में महापौर व सीएमओ की जगह आयुक्त का पद होगा। नगर पालिका का हर साल का करोड़ों का बजट नगर निगम बनते ही अरबों रुपए में होगा। इससे न केवल ज्यादा विकास कार्य हो पाएंगे, बल्कि जिन 15 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जाएगा उनका भी कायाकल्प हो जाएगा। इस बार जो प्रस्ताव बना है, उनमें झांसी रोड स्थित वन क्षेत्र के ग्रामों को हटा दिया गया है।
जल्द मिलेगी शिवपुरी नगर निगम की सौगात
नपा के सीएमओ इंशाक धाकड़ बताते हैं कि हमने भोपाल में वरिष्ठ कार्यालय को इस बार संशोधित प्रस्ताव भेजा है जिसमें शहरी क्षेत्र के अलावा 15 ग्राम पंचायतों को जोड़ा गया है। पूरी प्रक्रिया अब अंतिम चरणों में है। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट से पास होने और शिवपुरी को नगर निगम की सौगात मिलने की उम्मीद है।
इन ग्राम पंचायतों को जोड़ा
नया प्रस्ताव 6 मई को भोपाल भेजा गया। इसमें 15 ग्राम पंचायतों चंदनपुरा, सिंहनिवास, नोहरीकलां, ठर्रा, दर्रोनी, ईटमा, पिपरसमा, रायश्री, सतेरिया, बांसखेड़ी, बड़ागांव, रातौर, पड़ोरा सडक़,सेंसई सडक़, वेंहटा को जोड़ा गया है। इन ग्राम पंचायतों में कुछ मंझरे भी शामिल हैं।
3 लाख से अधिक हुई आबादी
बड़ी बात यह है कि अभी नगर पालिका क्षेत्र 86 वर्ग किमी में है जोकि नगर निगम होते ही 241 वर्ग किमी हो जाएगा। नगर निगम की अधिकतम सीमा 18 किमी तक होगी। प्रस्ताव में जो ग्राम पंचायतें जोड़ी गई हैं, वह ग्राम पंचायत शहर से 7 किमी से लेकर 16 किमी दूरी तक की है। प्रस्ताव में नगर निगम बनाने के लिए 3 लाख की आबादी भेजी गई है। हालांकि आबादी इससे अधिक हो चुकी है।