WordPress database error: [Disk full (/tmp/#sql-temptable-182956-2d18-22e.MAI); waiting for someone to free some space... (errno: 28 "No space left on device")]
SELECT DISTINCT meta_value FROM wptw_usermeta WHERE meta_key = 'wptw_googlesitekit_site_verification_meta'

राज्य

पन्ना जिले में चमकी एक मजदूर की किस्मत, बना करोड़पति

पन्ना

 मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में जमीन के अंदर बेशकीमती हीरे दबे हैं। इन हीरों की तरह ही यहां के लोगों की किस्मत भी अचानक से चमकती है। एक मजदूर परिवार ने 200 रुपए में 8/8 की जमीन खनन के लिए पट्टा पर लिया था। मजदूर परिवार ने दो महीने पहले 24 मई को खदान का पट्टा लिया था। दो महीने की मेहनत में ही मजदूर की किस्मत चमक गई है। उससे खनन के दौरान बेशकीमती हीरा मिला है। इस हीरे की कीमत एक करोड़ रुपए से अधिक है, जिसे अगली नीलामी में रखी जाएगी।

बेहद गरीब है यह आदिवासी परिवार

दरअसल, जिस गरीब आदिवासी की किस्मत चमकी है, वह बेहद गरीब है। 10 साल से हीरे की खदान में मेहनत कर रहा है उसे कृष्ण कल्याणपुर (पटी) की उथली हीरा खदान से 19.22 कैरेट का बेशकीमती हीरा मिला है। जिसकी अनुमानित कीमत करीब 1 करोड़ रुपए बताई जा रही है। हीरा धारक चुनवादा आदिवासी ने अपने हीरे को कार्यालय में जमा करवा दिया है। जिसे अगली आने वाली नीलामी में रखा जाएगा।

200 रुपए में लिया था खदान

पन्ना जिले के अहिरगंवा गांव के निवासी चुनवादा गोंड ने मात्र 200 रुपए की रसीद कटवाकर हीरा कार्यालय से 20 मई 2024 को कटवाया था। उसने कृष्ण कल्याणपुर पटी क्षेत्र में हीरा खदान खोदने के लिए पट्टा बनवाया था। 8×8 मीटर की जगह उत्खनन के लिए दी गई थी। पट्टा जारी करवाने के बाद गरीब आदिवासी चुनवादा ने दिन रात पत्नी व बच्चों सहित खदान में हीरा तलाशने के लिए मेहनत की।

दो महीने की मेहनत में चमकी किस्मत

करीब दो माह की मेहनत में उसे बेशकीमती करीब एक करोड़ 19.22 कैरेट का हीरा मिला है। बुधवार के दिन हीरा कार्यालय पहुंचकर जमा करवा दिया है। उक्त हीरे को अब अगली हीरा नीलामी में रखा जाएगा। नीलाम होने पर 12% टैक्स और 1% टीडीएस काटकर बाकी रकम हीरा धारक के खाते में भेज दी जाएगी।

बेटे जमा कराया हीरा

वहीं, हीरा कार्यालय में हीरा चुनवादा गोंड के बेटे राजू गोंड ने जमा करवाया है। उसने बताया कि उसके पिता की तबीयत खराब है। राजू ने कहा कि हमारे परिवार के लोग खदान में काफी दिन से काम कर रहे हैं। मैं खुद 10 सालों से ट्रैक्टर चला रहा हूं। अब हमलोगों को हीरा मिला है। इसे छोटे की पढ़ाई करवाऊंगा। साथ ही पिता जी का इलाज करवाएंगे।

गौरतलब है कि पन्ना में पहले भी कई मजदूरों की किस्मत चमक चुकी है। हर साल किसानों और मजदूरों को खनन के दौरान हीरे मिलते हैं। इसके बाद हीरा कार्यालय में इसे लाकर जमा करवाते हैं। नीलामी के बाद इनको राशि दे दी जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button