द्रास
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश और केंद्र-शासित प्रदेश लद्दाख के बीच हर मौसम में संपर्क सुविधा प्रदान करने वाली सुरंग के निर्माण के लिए ‘‘पहला विस्फोट’’ किया। मोदी ने शिंकुन ला सुरंग के निर्माण की शुरुआत करते हुए लद्दाख के द्रास से कुछ दूरी से ‘‘पहला विस्फोट’’ किया।
शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी दोहरी-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण लेह को सभी मौसम में संपर्क प्रदान करने के लिए निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फुट की ऊंचाई पर किया जाएगा। एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘निर्माण पूरा होने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज एवं कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।’’
दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग
शिंकुन ला टनल के निर्माण का कार्य जब पूरा होगा. तब ये दुनिया की सबसे ऊंची सुंरग (जो चीन में है 15590 फीट की ऊंचाई) को पछाड़ कर नंबर वन की पोजीशन ले लेगी. इस सुरंग की सबसे बड़ी बात यह है कि इस पर तोप और मिसाइल का भी असर नहीं होगा. समारोह के पीएम मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त), सीडीएस अनिल चौहान समेत तीनों सेना प्रमुख भी मौजूद थे.
क्या है शिंकुन ला सुरंग की खासियत?
इसकी खासियत यह है कि ये एक ट्विन-ट्यूब डबल लेन सुरंग होगी. जिसमें हर 500 मीटर की दूरी पर क्रॉस रोड होगा. इसमें सुपरवाइजरी कंट्रोल और डेटा अधिग्रहण प्रणाली (एससीएडीए) के साथ-साथ फायर ब्रिगेड, मैकेनिकल वेंटिलेशन, और कम्युनिकेशन सिस्टम्स भी शामिल हैं.