पेंटागन
मिडिल ईस्ट में जंग के हालात बने हुए हैं. ईरान और इजरायल के बीच जहां भारी तनाव देखा जा रहा है, वहीं लेबनान के हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच कभी भी लड़ाई छिड़ सकती है. ऐसे में अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के लेकर चेतावानी दी है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि ईरान और इजरायल को सूचित किया गया है कि उनके बीच संघर्ष नहीं बढ़ना चाहिए ये किसी के भी हित में नहीं हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ”हम मध्य पूर्व में तनाव कम करने और संघर्ष को फैलने से रोकने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में हम इस क्षेत्र के भागीदारों के साथ लगातार संपर्क में हैं. उनसे बातचीत में हमने एक आम सहमति सुनी है. किसी को भी इस संघर्ष को नहीं बढ़ाना चाहिए. हम सहयोगियों और भागीदारों के साथ गहन कूटनीति में लगे हुए हैं. ईरान और इजराइल को संघर्ष रोकने का संदेश दिया है.”
एंटनी ब्लिंकन ने गाजा में जल्द युद्धविराम की भी बात कही है. उन्होंने कहा कि गाजा में युद्धविराम के लिए चल रही बातचीत अंतिम दौर में हैं. जल्द ही संघर्ष विराम हो सकता है. उन्होंने कहा, यह बात सच है कि हम गाजा में युद्ध विराम के निर्णायक दौर में हैं. राष्ट्रपति बाइडेन ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह और कतर के अमीर तमीम से बात की है. ये दोनों देश अमेरिका के साथ मध्यस्थता कर रहे हैं.”
बताते चलें कि इजरायल और ईरान के बीत जंग की आशंका को देखते हुए अमेरिका ने जबरदस्त तैयारी शुरू कर दी है. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने एहतियात के तौर पर इस इलाके में एक कैरियर स्ट्राइक ग्रुप यानी विमान वाहक पोत तैनात किया है. इसके साथ ही फाइटर जेट स्क्वाड्रन, क्रूजर और डेस्ट्रॉयर को भी मोर्चे पर लगाया गया है. यूएसएस अब्राहम लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर ग्रुप को भेजा गया है.
इसके अलावा मिडिल ईस्ट में पहले से मौजूद यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को वापस बुलाया गया है. ये तैनाती इस बात का सबूत है कि ईरान और इज़रायल के बीच जंग का खतरा किस कदर बढ़ता जा रहा है. 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए हमले और गाजा पर चल रही इजरायल की जवाबी कार्रवाई के बाद ये पहला मौका है, जब इतने बड़े स्तर पर इलके में फौजी लामबंदी चल रही है.
पेंटागन ने शुरू में इस इलाके में हमास, हूती और हिज्बुल्लाह सरीखे संगठनों को जवाब देने और उन्हें काबू में रखने के लिए दो कैरियर स्ट्राइक ग्रुप तैनात किए थे, लेकिन अब इसके अलावा भी तैनाती चल रही है. इसके अलावा अमेरिका ने मिडिल ईस्ट और भूमध्य सागर में बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस डिस्ट्रॉयर और क्रूजर भेजे हैं. दो अमेरिकी डिस्ट्रॉयर इजरायल के खिलाफ ईरानी मिसाइल हमले को रोकने में शामिल रहे थे.
पेंटागन ने ये भी साफ किया है कि मिसाइल डिफेंस फोर्स को भी अलर्ट पर रखा गया है. ये फैसला इस बात का सबूत है कि अमेरिका हर हाल में इजरायल की मदद के लिए तैयार है. अमेरिका का कहना है कि वो मिडिल ईस्ट में जंग को बढ़ावा नहीं देना चाहता, लेकिन लेकिन इजरायल की मदद करने के मामले में वो कमी भी नहीं करना चाहता. यही वजह है कि अमेरिका लगातार इजरायल को अपने समर्थन की बात दोहरा रहा है.