भोपाल
मध्यप्रदेश के कलेक्टर (आईएएस अफसर) साइबर ठगों के निशाने पर हैं। बीते दो दिन में साइबर ठगों ने प्रदेश के 6 कलेक्टरों के नाम पर ठगी करने की कोशिश की है। ये कलेक्टर जबलपुर, धार, सिवनी, उमरिया, शहडोल और शिवपुरी के हैं।
सायबर फ्रॉड के नए-नए तरीके ईजाद कर ये ठग किसी को भी चपत लगा सकते हैं. पिछले कुछ समय से व्हाट्सएप नंबर से कॉल करने लोगों को झांसा देकर रुपयों की डिमांड कर राशि ऐंठी जा रही है. अब सायबर ठगों के निशाने पर शहडोल कलेक्टर भी आ गए. शहडोल कलेक्टर तरुण भटनागर के नाम से फर्जी व्हाट्सएप डीपी लगाकर लोगों से पैसों की डिमांड की जा ही है.
जबलपुर कलेक्टर का पहले भी फेसबुक अकाउंट हैक हो चुका है। इससे पहले लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के नाम से भी फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर ठगी करने की कोशिश की गई थी। 6 अफसरों से कैसे ठगी की कोशिश की गई…पढ़िए ये रिपोर्ट
भोपाल में पदस्थ एडीएम रघुवंशी को भेजा मैसेज
7 अगस्त को शिवपुरी कलेक्टर चौधरी के नाम से बने फेक वाट्सएप अकाउंट से भोपाल में पदस्थ एवं तत्कालीन शिवपुरी एडीएम विवेक रघुवंशी के पास मैसेज पहुंचा। हाय, हैलो का मैसेज दूसरे वाट्सएप नंबर से मिला तो एडीएम रघुवंशी ने तुरंत ही कलेक्टर चौधरी से उनके व्यक्तिगत नंबर पर संपर्क किया।
इस बात का कलेक्टर शिवपुरी काे पता चला तो उन्होंने कहा कि उन्होंने दूसरा कोई वाट्सएप अकाउंट नहीं बनाया है। कलेक्टर ने कहा कि मेरे नाम से किसी ने फर्जी अकाउंट बना लिया है। यदि किसी को मैसेज रिसीव होता है तो तुरंत रिपोर्ट करें और नंबर को ब्लॉक कर दें।
अब बात जबलपुर कलेक्टर की
7 अगस्त को जालसाजों ने कलेक्टर दीपक सक्सेना के नाम से उनके रिश्तेदार से 25 हजार की ठगी की है। ठग ने साइबर फ्रॉड करते हुए वाट्सएप पर कलेक्टर दीपक की फोटो लगाई। फिर कई रिश्तेदारों को मैसेज किया। झांसे में आकर एक रिश्तेदार ने 25 हजार ट्रांसफर भी कर दिए गए। दीपक सक्सेना को ठगी का पता चला तो हैरान हो गए।
सक्सेना ने फर्जी फेसबुक आईडी ब्लॉक कर आरोपी की तलाश के निर्देश साइबर सेल को दिए हैं। कलेक्टर ने अपनी फेसबुक आईडी पर फेक लिखते हुए कहा है कि अज्ञात नंबर से उनकी प्रोफाइल फोटो लगाकर लोगों से संपर्क किया जा रहा है। जिससे लोगों को धोखा हो रहा है। उन्होंने कहा है कि इन नंबरों का कलेक्टर जबलपुर से कोई संबंध नहीं है। नंबर फर्जी हैं।
शहडोल कलेक्टर ने अपील में क्या कहा
यह मामला जब कलेक्टर के सामने आया तो उन्होंने ने लोगों से विशेष अपील की. शहडोल कलेक्टर तरुण भटनागर ने फर्जी व्हाट्सएप नंबर के माध्यम से पैसों की डिमांड करने के मामले में संज्ञान लेकर सोशल मीडिया पर हुई चैटिंग पोस्ट की और जिले के नागरिकों से अपील की है “यदि कोई मैसेज आता है तो सतर्क रहें. उनकी बातों में नहीं आए. अपने बैंक खाता एवं पहचान से संबंधित जानकारी बिल्कुल भी साझा ना करें.” इसकी जानकारी कलेक्टर ने जनसंपर्क विभाग में भी साझा की.
सायबर ठगों से सावधान रहने की जरूरत
गौरतलब है कि इन दिनों सोशल मीडिया और ऑनलाइन के माध्यम से नए तरीके के क्राइम सामने आ रहे हैं. सायबर फ्रॉड की घटनाएं रोज सामने आ रही हैं. फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर पैसे मांगने का यह मामला नया नहीं है लेकिन जिस तरह से अब अधिकारी भी निशाने पर आ रहे हैं, यह मामला काफी गंभीर है. इसलिए लोगों को बहुत सचेत रहने की जरूरत है. क्योंकि जरा सी असावधानी आपके बैंक अकाउंट को साफ कर सकती है.
ऐसे ठगी को दिया गया अंजाम
वाट्सएप नंबर (94785265198) पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा का फोटो लगा हुआ था। साथ ही नंबर पर नाम IAS मिश्रा लिखा था। इसके बाद कुछ लोगों को मैसेज भी किए गए। इसमें लिखा था कि मुझे कुछ पैसे चाहिए। कृपया आप मेरे लिए तत्काल करें क्योंकि मैं वर्तमान में सीमित फोन कॉल के साथ एक बहुत ही अहम बैठक में भाग ले रहा हूं।
इस तरह के मैसेज आने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। कलेक्टर मिश्रा ने इसको लेकर एक अलर्ट जारी करवाया हैं। कलेक्टर के अनुसार वाट्सएप के माध्यम से लोगों से अज्ञात व्यक्ति के द्वारा मैसेज किए जा रहे है। इस तरह की धोखाधड़ी से सावधान रहे। पैसे ट्रांसफर करने के मैसेज की रिपोर्ट करें।
श्रीलंका का नंबर इस्तेमाल किया गया
बुधवार दोपहर के समय नंबर को लेकर सूचना साइबर क्राइम ब्रांच को मिली हैं। जिसमें एक स्क्रीनशॉट्स भी दिया गया है। मामला कलेक्टर से जुड़ा होने के कारण तुरंत पुलिस हरकत में आई और नंबर की जानकारी जुटाई जा रही है। जानकारी सामने आई हैं कि नंबर श्रीलंका से चलाया जा रहा है।
साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस कर रही जांच
इस मामले में साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस टीम जांच कर रही है। पुलिस को तकनीकि संसाधनों का उनयोग करने पर जानकारी मिली थी कि उक्त नंबर श्रीलंका से संचालित किया जा रहा है। अज्ञात व्यक्ति ने लोगों को सिर्फ नार्मल मैसेज ही किया था, कोई रुपयों की मांग की बात अभी तक जांच में सामने नहीं आई है। ऐसे में साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने व्हाटसअप के ऑफिस पर संपर्क किया हैं, अब उक्त नंबर से बने व्हाटसअप के अकाउंट को ही ब्लॉक करवाया जा रहा हैं, ताकि उक्त नंबर को उपयोग आगे नहीं हो सके। साथ ही साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने लोगों को जागरुक करने के लिए एडवाईजरी भी जारी की है।
ऐसी ठगी को दिया अंजाम
ठगों ने +9989542 229570 वाट्सएप नंबर पर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना की फोटो लगाई।
WhatsApp नंबर से कलेक्टर के कई रिश्तेदारों को मैसेज किया।
मैसेज में लिखा है कि मैं जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना बोल रहा हूं। पहचान गए होंगे मुझे आप। मुझे अचानक ही 25,000 की जरूरत पड़ गई है। क्या? आप मेरी मदद कर देंगे।
कलेक्टर के एक रिश्तेदार ने झांसे में UPI के जरिए 25,000 रुपए ट्रांसफर कर दिए गए।
धार कलेक्टर का मामला
7 अगस्त को ही धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के नाम से वाट्सएप पर अकाउंट बनाने का मामला सामने आया है। जिसमें अज्ञात व्यक्ति ने कलेक्टर की फोटो लगाकर कुछ मैसेज भी किए हैं। इधर, मैसेज करने की बात जब कलेक्टर मिश्रा तक पहुंची तो तत्काल जनसंपर्क के माध्यम से जिले में अलर्ट जारी करवाया। साथ ही पूरे मामले की सूचना साइबर क्राइम ब्रांच को दी गई हैं, जिससे फोटो का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।