देश में निवासरत दिव्यांग नागरिकों के पक्ष में संसद के शीत कालीन सत्र में राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने उठाया सवाल…
दिव्यांगजनों के लिए विशेष प्रावधान के तहत आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया हो…
✍️ मानस टुडे बड़वानी
राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने संसद के शीत कालीन सत्र के दौरान गुरुवार को देश में निवासरत दिव्यांगजनो के आधार कार्ड बनने में आ रही समस्याओं के समाधान हेतु किया सवाल…!!
सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने अपने सवाल के माध्यम सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के साथ-साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों में एक विकट स्तिथि बनी हुई है, दिव्यांग नागरिकों के हाथ के अंगूठे, उंगलिया तथा आँखों के न होने के कारण आधार कार्ड नही बन पा रहे हैं। जिस कारण उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाएं जैसे आयुष्मान कार्ड, मोबाइल कनेक्शन, राशन, पेंशन इत्यादि सरकारी योजनायें जिसमे आधार कार्ड की अनिवार्यता कर दी गयी है, उनका पूर्ण लाभ नही मिल पा रहा है।
वर्तमान में, हमारे देश के कुछ महानगरों में ही फेस रीडिंग के माध्यम से आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया संचालित हैं, जोकि हमारी सरकार का एक सराहनीय कदम है। परन्तु देश के कोने-कोने में निवास करने वाले दिव्यांग जनों की पहुँच इन महानगरों तक नही है। इसलिए दूर-दराज़ क्षेत्र में रहने वाले दिव्यांग जन आज भी अपना आधार कार्ड नही बनवा पा रहे हैं। कुछ दिव्यांग भाई-बहनों के आधार कार्ड बन भी जाते हैं तो उन्हें भी अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
2011 की जनगणना के अनुसार, भारत वर्ष में लगभग 2 करोड़ 10 लाख लोग किसी न किसी प्रकार की दिव्यानगता की श्रेणी में आते हैं। देश के कई समाजजनों द्वारा मांग की जा रही है कि सरकार द्वारा इन दिव्यांग नागरिको के लिए विशेष प्रावधान के जरिये आधार कार्ड बनाएं जाएँ, ताकि मेरे ये भाई-बहन विकास की इस बहती धारा से वंचित न रहें। इसलिये सरकार को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को इन दिव्यांग लोगो के लिए एक विशेष तकनीक विकसित करने के लिए निर्देशित करना चाहिए ताकि उनके लिए आधार कार्ड बनवाने में आसानी हो सके। नई तकनीक विकसित होने से मेरे इन भाई बहनों को बॉयोमेट्रिक या अन्य माध्यम से मिलने वाली सरकारी सहायता लेने में भी किसी प्रकार की परेशानी का सामना नही करना पड़ेगा और इनको रोज मर्रा के जीवन मे आने वाली कठिनाइयों से भी निजात मिलेगी।
राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने कहा की देश के प्रत्येक जिला स्तर पर एक विशेष अभियान चलाकर इन दिव्यांग जनों की पहचान कर, विशेषाधिकार के माध्यम से उनके आधार कार्ड बनाएं जाने चाहिए।
हमारे यशस्वी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का दिव्यांग जनों के प्रति एक विशेष स्नेह रहा है, इसलिए उन्होंने 03 दिसम्बर को विश्व दिव्यांग दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया है।
राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने सदन में सभापति के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया कि दिव्यांग नागरिकों के हाथ के अंगूठे व उंगलिया तथा आँखों में किसी भी प्रकार का विकार होने के कारण आधार कार्ड नही बन पा रहे है, उनके आधार कार्ड बनाने के लिए तत्काल किसी विकल्प पर विचार किया जाना चाहिए, जिससे हमारे दिव्यांग भाई-बहनों की गंभीर समस्याओं का त्वरित निराकरण हो सके तथा उन्हें समाज में विकास की मुख्य धारा से लाभान्वित किया जा सके।