विदेश

इंसान के मरने के दिन की सटीक भविष�यवाणी करती है ‘मृत�य� घड़ी’

वॉशिंगटन.

हमेशा से ही इंसान को इस बात में र�चि रही है कि वह कितने दिन जि�गा या उसकी जिंदगी कितनी लंबी है। अब दौर कृत�रिम ब�द�धिमत�ता (Artificial Intelligence-AI) का है। �से में �आई तकनीक की मदद से अब इसका भी अन�मान लगाया जा सकता है कि आपकी मृत�य� का दिन कौन सा हो सकता है।

हाल ही में �आई की मदद से �क मृत�य� घड़ी बनाई गई है, जो कि �क �प है। इसकी मदद से इंसान की मृत�य� के दिन का करीब-करीब सटीक पता लगाया जा सकता है। �क मार�केट ख�फिया फर�म के म�ताबिक इस मृत�य� घड़ी �प के नतीजे इतने सटीक हैं कि ज�लाई में इसके लॉन�च होने के बाद से ही अब तक इसे 1,25,000 लोगों द�वारा इसे डाउनलोड कर लिया गया है। इस �प को पांच करोड़ प�रतिभागियों और 1200 से ज�यादा जीवन प�रत�याशा अध�ययनों के आधार पर तैयार किया गया है। यह �प किसी व�यक�ति के आहार, व�यायाम, तनाव के स�तर, नींद के बारे में जानकारी का इस�तेमाल करके उस व�यक�ति की मौत के संभावित दिन की भविष�यवाणी करती है। इस �प के डेवलेपर ब�रेंट फ�रैंसन कना कहना है कि इसके परिणाम बह�त मानक हैं। यह डेथ क�लॉक (मृत�य� घड़ी) स�वस�थ जीवन शैली वाले लोगों के बीच खासी लोकप�रिय हो रही है और फिटनेस और स�वास�थ�य श�रेणी में यह �प शीर�ष पर है।  उल�लेखनीय है कि लोगों की जीवन प�रत�याशा, सरकारों, बीमा कंपनियों के लि� आर�थिक और वित�तीय गणना के लिहाज से हमेशा से अहम रही है। इसी के आधार पर सरकारें और बीमा कंपनियां जीवन बीमा और पेंशन फंड में पॉलिसी कवरेज की गणना करती हैं।

आर�थिक स�थिति और जीवन प�रत�याशा में है सीधा संबंध
यह डेथ क�लॉक �प यूजर�स को �से स��ाव भी देती है, जिससे वह अपनी जीवन शैली में स�धार कर अपनी मृत�य� दर को कम कर सकते हैं। �क मीडिया रिपोर�ट के अन�सार, इंसान की जीवन प�रत�याशा और उसकी आर�थिक स�थिति के बीच सीधा अंतर पाया गया है। अमेरिकी मेडिकल �सोसि�शन द�वारा प�रकाशित शोध में पाया गया है कि सबसे अमीर और सबसे गरीब लोगों के जीवन वर�षों में प�र�षों में 15 साल और महिलाओं में 10 साल का अंतर पाया गया है। मतलब अमीर प�र�ष गरीब प�र�षों के म�काबले औसतन 15 साल ज�यादा जीते हैं।

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